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छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग के तीन कॉलेज बंद, 4 होंगे मर्ज, घटेंगी 3 हजार सीटें

छत्तीसगढ़ में इजीनियरिंग शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है. यहां संचालित तीन निजी इंजीनियरिंग कॉलेज इस बार बंद हो रहे हैं. इसके अलावा 4 इंजीनियरिंग कॉलेजों को दूसरे कॉलेजों के साथ मर्ज किया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक सत्र 2019-20 में प्रदेश में इंजीनियरिंग की करीब 3 हजार सीटें कम हो जाएंगी. 15 मई से पहले छत्तीसगढ़ की टेक्नीकल यूनिवर्सिटी सीएसवीटीयू (छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकांनद टेक्निकल यूनिवर्सिटी), भिलाई की होने वाली कार्यपरिषद की बैठक के बाद इसका ऐलान कर दिया जाएगा.

छत्तीसगढ़ में टेक्निकल यूनिवर्सिटी सीएसवीटीयू के वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार यूनिवर्सिटी से संबंधित 3 शासकीय और 42 निजी इंजीनियंरिंग कॉलेज सत्र 2018-19 में संचालित हैं. अब सत्र 2019-20 के लिए तीन निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों ने बंद करने, चार ने दूसरे कॉलेजों में मर्ज करने का आवेदन ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को दिया था. इन कॉलेजों ने नए सत्र की संबंद्धता के लिए, डायरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन(डीटीई), छत्तीसगढ़ और सीएसवीटीयू को आवेदन नहीं दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक एआईसीटीई ने कॉलेजों को आवेदन को स्वीकार करते हुए लेटर ऑफ अप्रुवल जारी कर दिया है.

CSVTU. File Photo.

सीएसवीटीयू से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर जिले में संचालित सीआईटी, रावतपुरा सरकार समूह का एक इंजीनियरिंग कॉलेज और दुर्ग जिले में संचालित पार्थिवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट ने नए सत्र में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग कोर्स को बंद करने का आवेदन दिया है. इसके अलावा प्रदेश के बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज समूह शंकराचार्य ने भिलाई में संचालित एक और संतोष रूंगटा कॉलेज समूह ने दो और संजय रूंगटा कॉलेज समूह ने अपने एक इंजीनियरिंग कॉलेज को दूसरे कॉलेजों में मर्ज करने का आवेदन दिया था. इसके अलावा सीआईएमटी, भिलाई ने इस बार नये सत्र में संबंद्धता के लिए आवेदन नहीं दिया है. एआईसीटीई ने इन कॉलेजों के आवेदन को स्वीकार कर लिया है. 15 मई से पहले सीएसवीटीयू द्वारा इसकी अधिकारिक सूची भी जारी कर दी जाएगी.

demo Pic.

तीन हजार सीटें होंगी कम
छत्तीसगढ़ में सत्र 2018-19 में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग कोर्स की कुल 18 हजार 529 सीटें थीं. इस बार कॉलेजों के बंद और मर्ज होने से सीटें कम होंगी. इसके अलावा एआईसीटीई ने एक फार्मूले के तहत इस बार उन कॉलेजों की तीस प्रतिशत सीटें कम कर दी हैं, जिनके यहां पिछले तीन सालों में 50 प्रतिशत सीटें खाली रह गईं थीं. एक अनुमान के मुताबिक इस बार करीब तीन हजार सीटें कम हो जाएंगी. हालांकि इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

चिंता न करें स्टूडेंट
सीएसवीटीयू के कुलसचिव डीएन सिरसांत ने न्यूज 18 को बताया कि दो कॉलेजों ने बंद और मर्ज करने का आवेदन दिया है, उनमें सत्र 2019-20 में दाखिले नहीं होंगे, लेकिन पहले से पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए चिंता की बात नहीं है. उनका कोर्स पूरा होने तक कॉलेज संचालित रहेंगे. यदि ऐसी स्थिति बनती है कि कॉलेज पूरी तरह बंद हो जाएंगे तो वहां पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट किया जाएगा. सिरसांत ने बताया कि संबंद्धता को लेकर कॉलेजों से मिले आवेदनों पर 15 मई से पहले कार्यपरिषद की बैठक कर निर्णय ले लिया जाएगा.
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Tags: Chhattisgarh education department, Chhattisgarh news, Engineering colleges, Raipur news

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