Search
Close this search box.

चिंतपूर्णी मेले के बाद लंगर समितियों के पास लाखों टन प्लास्टिक और डिस्पोजल सड़कों और खड्डों में फेंक दिए गए

होशियारपुर के जंगलों में फैली कूड़े की दुर्गंध
होशियारपुर की इस संस्था द्वारा चलाया जा रहा क्षेत्र में स्वच्छता अभियान
हर साल दावे और बढ़ोतरी के बाद प्रशासन सो जाता है
लंगर समितियों द्वारा सड़कों पर गंदगी व प्लास्टिक फेंके जाने से छितपानी मार्ग के दुकानदारों का काम प्रभावित हो रहा है।

1.2 Lakh Metric Tons Of Plastic Waste In 25 Countries Kept Hidden In India  - Amar Ujala Hindi News Live - भारत में चोरी-छिपे खपाया गया 25 देशों का 1.2  लाख मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा

हिमाचल में हर साल माता चिंतपूर्णी मेला बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु होशियारपुर होते हुए चिंतपूर्णी पहुंचते हैं। हर वर्ष संगतों की नगर कमेटियों द्वारा विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट भोजन का लंगर लगाया जाता है, लेकिन मेले के बाद लंगर समाप्त होने पर लंगर कमेटी के सदस्य जरूरी सामान लेकर अपने गांव व शहरों को वापस चले जाते हैं, बावजूद इसके निषेध टनों प्लास्टिक और डिस्पोजल सड़कों पर या गड्ढों में फेंके जाते हैं जिससे दुर्गंध फैलने वाले क्षेत्र में बीमारी फैलने का डर रहता है।
इस बारे में बात करते हुए पर्यावरण प्रेमी और विभिन्न संगठनों से जुड़े कई प्रतिनिधियों ने कहा कि वे हर साल लंगर के बाद इस सड़क पर सफाई अभियान चलाते हैं जिसमें प्रशासन की अनुपस्थिति के कारण उन्हें ही सारा कचरा संभालना पड़ता है. एक दुकानदार ने दुख जताते हुए कहा कि उन्हें टनों प्लास्टिक और डिस्पोजल खुद ही साफ करने पड़ते हैं और इन डिस्पोजल पर खाने-पीने की चीजों की दुर्गंध पूरे इलाके में फैल जाती है, जिससे कर्मचारी भी प्रभावित होते हैं.
पर्यावरणविदों ने जहां लंगर समितियों पर सड़क पर प्लास्टिक के डिस्पोजल पिट और मास्टर फीस का आरोप लगाया, वहीं उन्होंने जनता से यह भी कहा कि अगर लंगर समितियां हर साल चिंतापूर्णी रोड और पंजाब क्षेत्र में स्थित गांवों में लंगर के बाद बाहर से आती हैं। इसी तरह अगर प्लास्टिक और डिस्पोजल बर्तनों को फेंकने का सिलसिला जारी रहा तो वह दूर नहीं जब लंगर समितियों को इन गांवों के निवासियों के विरोध का सामना करना पड़ेगा और लंगर समितियों को शायद लंगर लगाने के लिए कोई दुर्लभ जगह मिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि कई जानवर इन डिस्पोजल खाद्य पदार्थों को खाकर तड़प-तड़प कर मर जाते हैं और जब उनके द्वारा सफाई अभियान चलाया जाता है, तो उन्हें जंगल में जंगली जानवरों के साथ-साथ घर भरने और कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है

Leave a Comment

और पढ़ें

  • JAPJEE FAMILY DENTAL CLINIC
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool