मॉस्को. रूस और चीन अगले दशक में चंद्रमा पर परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की एक परियोजना पर “गंभीरता से” विचार कर रहे हैं. आधिकारिक मीडिया ने रूसी अंतरिक्ष निगम के प्रमुख के हवाले से यह जानकारी दी. अंतरिक्ष उड़ानों, कॉस्मोनॉटिक्स कार्यक्रमों और एयरोस्पेस अनुसंधान के लिए जिम्मेदार रूस के राज्य अंतरिक्ष निगम ‘रोस्कोस्मोस’ के सीईओ यूरी बोरिसोव ने कहा कि इस तरह के मिशन को खुद से ही शुरू करना होगा और इसके लिए जरूरी तकनीकी समाधान लगभग तैयार हैं.
राज्य संचालित टीएएसएस समाचार एजेंसी ने सीरियस संघीय क्षेत्र में मंगलवार को आयोजित विश्व युवा महोत्सव में बोरिसोव के हवाले से कहा कि आज, हम 2033 और 2035 के बीच अपने चीनी भागीदारों के साथ संयुक्त रूप से चंद्रमा तक पहुंचने और वहां एक पावर रिएक्टर स्थापित करने की परियोजना पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. इससे पहले मार्च 2021 में, रोस्कोस्मोस और चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (आईएलएसआर) बनाने में सहयोग पर अपनी सरकारों की ओर से आपसी समझ के एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.
परियोजना के तहत, चीन तीन मिशन भेजने की योजना बना रहा है: चांग’ई 6, चांग’ई 7 और चांग’ई 8. पहले चंद्र मिशन में प्रयोगों और अनुसंधान के लिए रोबोटिक आधार बनाने के मकसद से एक रोडमैप बनाने के लिए दूर से संचालिक प्रमुख प्रौद्योगिकी का परीक्षण किया जाएगा. टीएएसएस ने कहा कि पहला चंद्र मिशन 2026 के लिए निर्धारित है और परियोजना 2028 में पूरी हो जानी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 20:32 IST