चंडीगढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले का खुलासा किया, तीन आरोपी गिरफ्तार
चंडीगढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सुलझाया है, जिसमें आरोपी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करते थे। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो आरोपी दिल्ली से और एक उत्तर प्रदेश के लखनऊ से पकड़ा गया है।
मुख्य बिंदु:
धोखाधड़ी का तरीका: इस धोखाधड़ी की शुरुआत 22 नवंबर को हरिनाथ सिंह की शिकायत से हुई। उन्होंने पुलिस को बताया कि 2 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई, जिसमें कॉलर ने उन्हें बताया कि उनके आधार कार्ड पर एक सिम कार्ड जारी किया गया है, जिसके माध्यम से कई धोखाधड़ी की गई। कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि वे नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल हैं और उनका एक खाता केनरा बैंक में भी खुला है। इसके बाद कॉलर ने हरिनाथ को वॉट्सऐप पर मुंबई पुलिस से बात करने के लिए कहा और उन्हें 6 करोड़ 80 लाख रुपये के लेन-देन में शामिल होने का आरोप लगाया, साथ ही गिरफ्तारी की धमकी दी।
आरोपियों की गिरफ्तारी: पुलिस की जांच में पता चला कि हरिनाथ को जो वर्चुअल कॉल और वॉट्सऐप संदेश मिले थे, वे कंबोडिया से थे। इसके बाद पुलिस ने संदिग्ध खातों की केवाईसी जानकारी प्राप्त की और दिल्ली और एनसीआर से दो आरोपी गिरफ्तार किए। इसके अलावा, तीसरे आरोपी हसनैन हैदर को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से एक मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद हुआ, जिसका उपयोग धोखाधड़ी में किया गया था।
आरोपी का खुलासा: हसनैन हैदर ने बताया कि उसने एक अज्ञात व्यक्ति के निर्देश पर फेडरल बैंक में एक बचत खाता खोला था और उसे हर लेन-देन पर 5% कमीशन मिलता था। इसके साथ ही पुलिस ने 1.50 लाख रुपये की फ्रॉड मनी भी रिकवर की है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
पुलिस की सलाह: पुलिस ने शहरवासियों से अपील की है कि अगर उन्हें इस प्रकार की धोखाधड़ी की कॉल आए, तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें और किसी भी व्यक्ति को डर कर पैसे न दें। पुलिस ने इस तरह की कॉल की जानकारी पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर देने की सलाह दी है।