चंडीगढ़ सरोगेसी के लिए एक प्रमुख केंद्र बन रहा है: 30 से अधिक विदेशी और भारतीय कपल्स ने रजिस्ट्रेशन कराया
चंडीगढ़ सरोगेसी की प्रक्रिया के लिए अब सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी एक प्रमुख स्थान बन चुका है। अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों से साथ-साथ भारत के विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, मुंबई, पंजाब और मध्य प्रदेश से 30 से ज्यादा कपल्स ने चंडीगढ़ में सरोगेसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
चंडीगढ़ में सरोगेसी के लिए सात प्रमाणित क्लीनिक उपलब्ध हैं, जहां कपल्स को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं। नोडल अधिकारी डॉ. वंदना के अनुसार, यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं, प्रोफेशनल मेडिकल बोर्ड की प्रक्रिया और कम वेटिंग टाइम के कारण लोग इसे प्राथमिकता देते हैं।
सरोगेसी अधिनियम 2021 के अनुसार प्रक्रिया:
सरोगेसी अधिनियम 2021 के तहत, केवल विवाहित कपल, अकेली महिलाएं, या तलाकशुदा महिलाएं सरोगेसी के लिए पात्र हैं। इच्छुक कपल को यह प्रमाण देना अनिवार्य है कि महिला गर्भधारण करने में सक्षम नहीं है। इस अधिनियम के तहत, कॉमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाया गया है, और सरोगेट महिला को सिर्फ मेडिकल खर्च और बीमा कवरेज मिलता है, अन्य कोई वित्तीय लाभ नहीं दिया जा सकता।
प्रक्रिया की जटिलताएं:
सरोगेट महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का गहन परीक्षण किया जाता है, जिसमें साइकैट्री, मेडिसिन और गायनी विभाग की मदद ली जाती है। पीजीआई के विशेषज्ञ मानसिक फिटनेस का परीक्षण करते हैं, जिसमें मानसिक बीमारी, पारिवारिक इतिहास, तनाव और भावनात्मक स्थिति का आकलन किया जाता है। डॉ. असीम मेहरा के अनुसार, मानसिक फिटनेस प्रक्रिया में आईक्यू टेस्ट और क्लीनिकल इंटरव्यू शामिल होते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों के मुताबिक, सरोगेट महिला को अजन्मे बच्चे के प्रति भावनात्मक लगाव से बचाने के लिए उसे मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। इसके अलावा, महिला की पारिवारिक और आनुवंशिक बीमारियों की भी जांच की जाती है ताकि किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम से बचा जा सके।
चंडीगढ़ का यह केंद्र अब सरोगेसी के क्षेत्र में अपनी गुणवत्ता और सुविधाओं के लिए एक मानक बन चुका है, जहां स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय कपल्स दोनों इसे एक विश्वसनीय और सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।