चंडीगढ़ में प्रशासक के एडवाइजर का पद खत्म करने पर AAP का विरोध: पंजाब पर चंडीगढ़ का हक कमजोर करने का आरोप
चंडीगढ़ में 40 साल बाद प्रशासक के एडवाइजर का पद समाप्त कर चीफ सेक्रेटरी लगाने के फैसले पर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इस मुद्दे को लेकर आज (10 जनवरी) को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मिले। AAP के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा की अगुवाई में इस मुलाकात के दौरान उन्होंने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, खासकर चंडीगढ़ के संबंध में।
अमन अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि केंद्र पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रहा है और चंडीगढ़ को पंजाब से छीनने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने इस फैसले को गलत बताते हुए गवर्नर के पास दस्तावेज़ प्रस्तुत किए, जो चंडीगढ़ के निर्माण और पंजाब पर इसके अधिकार को साबित करते हैं। गवर्नर ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांग को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
वहीं, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों के खिलाफ निर्णय ले रही है। पहले तीन कृषि कानून लाए गए थे, जिनका किसानों ने विरोध किया। अब कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्राफ्ट लाया गया है, जिसे AAP सरकार ने रद्द कर दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों और अन्य पक्षों से चर्चा कर इस मामले में फैसला लिया।
AAP ने साफ किया है कि वे इस फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे और केंद्र सरकार से पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने की मांग करेंगे।