चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग में हुआ हंगामा, कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच हाथापाई
चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग में मंगलवार को हुई हाथापाई और विवाद ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस पार्षदों ने भाजपा के नॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह को ‘वोट चोर’ कहा। मसीह ने इस आरोप का विरोध करते हुए राहुल गांधी का जमानत पर होना उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया, जिससे कांग्रेस के पार्षद भड़क गए और उन्होंने मसीह के लिए ‘वोट चोर’ के नारे लगाए।
इसके बाद दोनों पक्षों के बीच शारीरिक झड़प हो गई। भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस के हाथ से मसीह को ‘वोट चोर’ कहने वाला पोस्टर छीन लिया। हंगामे को बढ़ते देख नगर निगम की बैठक को स्थगित कर दिया गया।
इस घटना के बाद कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए:
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कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत गपी ने आरोप लगाया कि उनके हाथ से पोस्टर छीन लिए गए, जिससे विवाद बढ़ा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में रुकावट आई।
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कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि यह जनता की आवाज को दबाने का प्रयास था।
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मेयर कुलदीप कुमार ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा अब हाथापाई पर उतर आई है, जो लोकतंत्र का अपमान है।
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भाजपा के वरिष्ठ उप मेयर कुलजीत संधू ने मेयर कुलदीप कुमार पर आरोप लगाया कि वे खुद कोई काम नहीं करना चाहते और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं।
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भाजपा पार्षद कंवर राणा ने कहा कि हाथापाई उनके पार्षदों ने नहीं, बल्कि कांग्रेस के पार्षदों ने की, और यह मेयर की साजिश थी, ताकि वे अपनी नाकामियों को छिपा सकें।