नैनीताल : उत्तराखंड के नैनीताल जिले की रामगढ़, मुक्तेश्वर फल पट्टी अपने सीजनल फलों के लिए बेहद फेमस है. रामगढ़ का सेब, आड़ू, प्लम, खुमानी, नाशपाती की डिमांड पूरे देश में है. भारत की कई बड़ी मंडियों में यहां के फल जाते हैं. जहां से ये फल विदेशों तक सप्लाई होते हैं. ऐसे में गर्मी का असर इन फलों की पैदावार में भी हुआ है. बीते साल बारिश के न होने और पहाड़ों में भी भीषण गर्मी पड़ने के कारण पिछले सालों के मुकाबले इस साल आड़ू, प्लम और नाशपाती की पैदावार बेहद कम हुई है. साथ ही फलों के दाने भी बेहद छोटे हुए हैं.
ऐसे में काश्तकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ चुका है. नैनीताल जिले के ग्राम सभा सुनकिया के काश्तकार चंदन सिंह डंगवाल ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया की इस बार समय से बारिश न होने के कारण फलों का उत्पादन बेहद कम हुआ है. यहां तक की पेड़ सूखने की कगार पर है. इस समय फलों का सीजन है. ऐसे में इस साल पिछले सालों के मुकाबले फलों का बेहद कम उत्पादन हुआ है.
क्या डूब जाएगी लागत?
चंदन बताते हैं कि इस समय उगने वाला प्लम का दाना आकार में भी बेहद छोटा हो रहा है. जिस वजह से मंडी में भी उन्हें फलों का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने बताया की प्लम की मंडी में मे कीमत प्रति 10 किलो मात्र 400 रुपए है. ऐसे में फलों को मंडी तक पहुंचाने में ही इतनी लागत आ जाती है. उन्होंने बताया की ऐसे समय में काश्तकारों की कोई सुध लेने वाला नहीं है.
सेब की पैदावार में भी गिरावट
चंदन बताते हैं कि अगले महीने से सेब का सीजन शुरू हो जाएगा और यहां का सेब बेहद प्रसिद्ध है. लेकिन इन बार समय से बारिश के न होने के कारण पेड़ों पर सेब भी बेहद कम है. उन्होंने बताया की बीते साल बारिश भी उचित मात्रा में हुई थी, जमीन में नमी थी, जिस वजह से फलों की पैदावार भी अच्छी थी. लेकिन इस साल पेड़ पर ही फल सिकुड़ने और सूखने लगे हैं. ऐसे में काश्तकारों के सामने रोजी का संकट उत्पन्न हो गया है.
Tags: Local18, Nainital news, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 18:45 IST