भागलपुर. खेती में सारा दारोमदार बीज पर निर्भर करता है. अगर बीज खराब है या खराब हो जाए तो सब चौपट. इसलिए बेहतर यही है कि बीज बोने से पहले ही उसका इलाज कर दिया जाए. फिर न बीज खराब होने का डर रहेगा और न ही कीटनाशक लगने का डर रहेगा. खेती मुनाफे वाली बन जाएगी. बीज ठीक रखने का अच्छा उपाय है उसका टीकाकरण कर लिया जाए. इससे पैसा, मेहनत और समय तीनों की बचत हो जाती है.
अब सवाल ये है कि बीज का टीकाकरण कैसे करें. इस बारे में पौधा संरक्षण अधिकारी सुजीत पाल का कहना है किसान अधिक सक्रिय नही हैं इसलिए उन्हें कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ता है. अभी धान बुआई का समय है. अगर उसके बीज में ही फफूंद जनित रोग रोकने के लिए दवाई का छिड़काव करें तो उसमें कीट लगने की गुंजाइश नहीं रहेगी. वो कहते हैं समय रहते बीज का उपचार करने से जो काम 50 रुपए में हो जाएगा. वो बाद में हजार से अधिक खर्च करने पर भी नहीं हो पाएगा. जाहिर है बीज खराब हुआ तो फसल भी अच्छी नहीं होगी.
50 रुपए में हो जाएगा काम
धान के बीज में फफूंद से होने वाले रोग रोकने के लिए करबेंडा जिम सहित कई तरह की दवाई हैं. ये पानी में 2 ग्राम प्रति किलो डालने से बीज को बचाया जा सकता है. ये दवाई की कीमत 20 से 50 रुपए है. इसलिए उपचार के बाद ही बीज को खेत मे डालें.
बीज को कीट से ऐसे बचाएं
सुजीत पाल ने बताया बीज उपचार की कई विधि हैं. ड्रम विधि से आप इसका उपचार कर सकते हैं. अगर ड्रम नहीं है तो घड़ा विधि से उपचार कर सकते हैं. अगर ये दोनों चीजें भी नहीं हैं तो एक पॉलीथिन से उपचार कर सकते हैं. पॉलीथिन को बिछा दें उस पर बीज डाल कर उसके ऊपर दवाई का छिड़काव कर अच्छे से मिला दें. ताकि हरेक बीज पर एक परत बैठ जाए. इससे बीज स्वस्थ हो जाएगा. उसके बाद इसमें बीमारी लगने की सम्भावना खत्म हो जाती है. महज कुछ रुपये से आप बीमारी लगने से बचा सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 19:36 IST