खराब मशीन का महिला ने मांगा रिफंड, तो कस्‍टर केयर ने पूछा Paytm नंबर, बताते ही खाते से उड़ गए ₹1.29 लाख, और फिर… 

Online Fraud: नई दिल्‍ली के पंचशील इलाके में रहने वाली मीनाक्षी शर्मा (परिवर्तित नाम) ने बीते दिनों एक घरेलू आटा मशीन खरीदी थी. घर पहुंचने पर पाया कि आटा मशीन काम नहीं कर रही है, लिहाजा उन्‍होंने गूगल से उस कंपनी की वेबसाइट खोजी और वेबसाइट पर दिए कस्‍टमर केयर नंबर पर कॉल कर दी. दूसरी तरफ से कॉल उठाने वाले कस्‍टमर केयर एजेंट ने मीनाक्षा को भरोसा दिलाया कि जल्‍द ही कंपनी से एग्‍जीक्‍यूटिव आकर मशीन ले जाएंगे और मशीन का पूरी पेंमेंट उनके बैंक खाते में रिफंड कर दी जाएगी. 

दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्‍त अंकित चौहान के अनुसार, कस्‍टमर केयर से बात करने वाले एग्‍जीक्‍यूटिव का लहजा इतना सहयोगात्‍मक था कि मीनाक्षी उसकी सभी बातें मानती चली गईं. आखिर में, पेमेंट रिफंड करने के लिए कस्‍टमर केयर एग्‍जीक्‍यूटिव ने मीनाक्षी से उनका पेयटीएम नंबर मांगा और उन्‍होंने अपना पेयटीम नंबर दे दिया. कस्‍टमर केयर एग्‍जीक्‍यूटिव से बात खत्‍म होने के बाद जैसे ही मीनाक्षी ने फोन काटा, उनके पास एक मैसेज आया. इस मैसेज को पढ़कर मीनाक्षी के पैरों तले जमीन खिसक गई. 

दरअसल, मीनाक्षी को यह मैसेज उनके बैंक की तरफ से आया था और उनके खाते से कुछ ही सेकेंड पहले 1.29 लाख रुपए उड़ चुके थे. बैंक का मैसेज पढ़ने के बाद मीनाक्षी कुछ देर के लिए अपनी सुधबुध खो बैठीं. सुधबुध में वापस आने के बाद मीनाक्षी ने दोबारा उस कंपनी के कस्‍टम केयर में कॉल किया, लेकिन इस बार फोन स्चिव ऑफ मिला. जिसके बाद, उन्‍हें समझते देर नहीं लगी कि इस ऑनलाइन फ्रॉड के पीछे फोन पर बात करने वाला कस्‍टमर केयर एजेंट ही है. लिहाजा, मीनाक्षी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी.   

यह भी पढ़ें: 15 सालों से थी इस ‘खिलाड़न’ की तलाश, हर बार पुलिस को दे देती थी गच्‍चा, चीन से आका के इशारे पर कर रही थी बड़ा ‘खेल’

जांच में मिला पटना और जामताड़ा कनेक्‍शन
डीसीपी अंकित चौहान के अनुसार, शिकायत के आधार पर दक्षिण जिले के साइबर पुलिस स्‍टेशन में आईपीसी की धारा 420 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई. मामले की जांच के लिए एसएचओ अरुण कुमार वर्मा के नेतृत्‍व में एक टीम गठित की गई, जिसमें महिला एसआई प्रीति मान, एसआई गुमान सिंह, हेडकॉस्‍टेबल सुनील, रजनीश, सुरेंद्र भी शामिल थे. जांच टीम ने कस्‍टमर केयर एजेंट के मोबाइल नंबर के सीडीआर और जिस एकाउंट में रुपए ट्रांसफर हुए थे, उसकी गहन पड़ताल की गई. 

डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि मीनाक्षी के एकाउंट से जिस एकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए गए थे, वह पटना (बिहार) के संजय कुमार के नाम पर था. साथ ही, ठगी के जरिए हासिल किए गए रुपयों के बड़े हिस्‍से को झारखंड के जामतारा में एटीएम से निकाला गया था. साथ ही, कुछ रुपए का भुगतान गूगल इंडिया पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड के जरिए गूगल एडवरटाइजमेंट के खाते में ट्रांसफर की गई थी. मामले की सभी कडि़यों को जोड़ने के बाद दक्षिण जिला पुलिस की एक टीम को पटना रवाना कर दिया गया.

यह भी पढ़ें: उमरा पार्टी के संग पहुंचा था एयरपोर्ट, होशियारी दिखाने के चक्‍कर किया यह कांड, अब हवालात से कर रहा तौबा-तौबा

इस तरह अपने जाल में फंसाते थे आरोपी
उन्‍होंने बताया कि पटना पहुंची पुलिस टीम ने छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनकी पहचान रितिक कुमार, मनीष कुमार और संजय कुमार के रूप में की गई. पुलिस ने इनकी निशानहेदी पर 6 मोबाइल फोन, 1 पासबुक, 1 आधार कार्ड और 1 सिम बरामद कर लिया. पूछताछ के दौरान संजय ने पुलिस को बताया कि खाता खोलने के लिए उसके चचेरे भाई मनीष ने कहा था. खाता खुलने के बाद एटीएम कार्ड, पासबुक, बैंक एकाउंट से लिंक सिम को मनीष ने ले लिया था, इसके एवज में उसे 6 हजार रुपए का भुगतान किया गया था.

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलाया कि वे विभिन्‍न कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बना कर उसको गूगल सर्च में प्रमोट करते थे. जाल में फंसने वाले लोगों को अपनी बातों के जाल में फंसाकर वे सारी जानकारी हासिल कर लेते थे. जिसके बाद वह उनके एकाउंट में मौजूद पूरी रकम साफ कर देते थे. पुलिस टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह अब तक कितने लोगों को अपने जाल में फंसा चुका हैं. 

Tags: Cyber Crime News, Delhi police, Online fraud

Source link

Leave a Comment

और पढ़ें

  • JAPJEE FAMILY DENTAL CLINIC
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool