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क्‍यों न आप पर केस चला दें… हिमाचल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से डांट खानी पड़ी, द‍िल्‍ली से जुड़ा है केस

नई दिल्‍ली/शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को कड़ी फटकार खानी पड़ी. मामला दिल्‍ली की प्‍यास से जुड़ा था. हिमाचल सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया गया. इस जवाब में उससे एक गलती हो गई. गलती पकड़ी गई तो सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया. नाराज इतना कि शीर्ष अदालत ने कह दिया, क्‍यों न आप पर अवमानना का केस चला दिया जाए… हिमाचल सरकार को अपनी गलती का एहसास हुआ और तुरंत माफी मांग ली.

दिल्ली जल संकट मामले की शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्यों के बीच जल बंटवारे से संबंधित मुद्दा जटिल और संवेदनशील है और इस न्यायालय के पास फॉर्मूला तय करने की विशेषज्ञता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपर रिवर यमुना बोर्ड इस मामले की कल नियमित सुनवाई कर मामले का निपटारा करे. सुप्रीम कोर्ट ने अपर यमुना रिवर बोर्ड को कल बैठक आयोजित करने और मामले पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया. इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने रिट याचिका का निपटारा कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोर्ड यदि आवश्यक हो तो दिन-प्रतिदिन बैठकें आयोजित कर सकता है.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को पानी के मामले में रुखा रवैया अपनाने को लेकर फटकार भी लगा दी. सुप्रीम कोर्ट हिमाचल सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं था. अदालत में हिमाचल सरकार को चेतावनी दी कि क्यों ना गलत जानकारी देने पर आपके ऊपर अवमानना का मुकदमा चलाया जाए.

दरअसल, हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि वह 137 क्यूसेक पानी जोकि अतिरिक्त है, वह दूसरे राज्यों को दे रहा है.. जबकि आज अदालत में यह बात सामने आई कि यह अतिरिक्त पानी नहीं है, पहले से ही इतना पानी वह दूसरे राज्यों को दे रहा है, जिसमें दिल्ली और हरियाणा शामिल है.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गलती पर माफी भी मांगी है और दोबारा हलफनामा दाखिल करने की बात कही है.

Tags: Himachal pradesh, Himachal pradesh news, Supreme Court, Supreme court of india

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