बांझपन का आयुर्वेद से होगा प्रमाणित इलाज, 6 मामलों पर हो रही स्टडी, सकारात्मक परिणाम मिले
मंडी. आयुर्वेद से अब बांझपन का प्रमाणित इलाज हो पाएगा. इसके लिए हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह ने मेडिकल कॉलेज नेरचौक के साथ मिलकर शोधकार्य शुरू किया है.संस्थान ने 6 मामलों पर स्टडी भी शुरू कर दी है.
दरअसल, आयुर्वेद से भी बांझपन का इलाज होता है, लेकिन इसे लेकर वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसलिए अब इसके वैज्ञानिक प्रमाण को सिद्ध करने के लिए यह शोध किया जा रहा है. क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह के सहयाक निदेशक डॉ. राजेश ने बताया कि अप्रैल 2023 से यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ है और अभी सिर्फ 6 मामलों पर स्टडी चल रही है. यह स्टडी मेडिकल कॉलेज नेरचौक के साथ मिलकर की जा रही है. हालांकि, इस सारी स्टडी में काफी लंबा समय लगेगा क्योंकि अभी यह एक तरह से शुरूआती दौर है, लेकिन जो 6 मामले अभी इनके पास हैं, उन्हें इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं. इस कारण वे आयुर्वेद के माध्यम से ट्रिटमेंट को आगे बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने स्पष्ट किया कि आयुर्वेद से बांझपन का ईलाज संभव है, लेकिन अब यह वैज्ञानिक रूप से यह बताना है कि यह ईलाज होता है और किस तरह से होता है. ऐलोपैथी की अपनी पद्दति है और आयुर्वेद की अपनी पद्दति रहती है.
डा. राजेश ने बताया कि उनके संस्थान में प्री-क्लिनिक हाइपोथायरायडिज्म की दवाओं पर भी रिसर्च चल रही है. शुरूआती दौर में थॉयराइड के उपचार को लेकर दवाओं पर शोध चल रहा है और जल्द ही इस शोधपत्र को भी प्रकाशित कर दिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : March 19, 2024, 09:10 IST