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कौन है ये रेलवे से रिटायर शख्स? 2000 ईंटो के लिए मुख्तार अंसारी से लिया था पंगा, दिलचस्प है कहानी

मऊ: पहला केस दो हजार ईंटों की चोरी, दूसरा जमीन हड़पना, ये दोनों केस देखने में तो छोटे लगते हैं, लेकिन इससे गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के रातों के नींद को उड़ गए थे. यह दोनों मामला, 2003 में रेलवे से रिटायर हुए हरिश्चंद्र विश्वकर्मा के साथ घटित हुआ था. उन्होंने दोनों मामलों में एक दशक से ज्यादा साल तक केस लड़ा और हार नहीं मानी. मालूम हो कि गुरुवार को देर रात 63 साल की उम्र में गैंगस्टर-बाहुबली अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है.

रेलवे के पूर्व कर्मचारी हरिश्चंद्र विश्वकर्मा ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ साल 2003 में जमीन हड़पने का मामला दायर किया. यह अंसारी खिलाफ जमीन हड़पने का पहला केस दर्ज हुआ था. मऊ में रहने वाले 82 साल के विश्वकर्मा ने गैंगस्टर की मौत के बारे में पूछे जाने पर दार्शनिक अंदाज में एनडीटीवी को बताया, ‘हम सभी को एक दिन मरना है, यह आपकी और मेरी दोनों की कहानी है.’

2005 से अपनी मृत्यु तक मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश और पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद रहे. मऊ में रहने वाले 82 वर्षीय श्री विश्वकर्मा ने एनडीटीवी को बताया, ‘मेरे घर के सामने एक जमीन थी, उस पर कथित तौर पर मुख्तार अंसारी के लोगों ने कब्जा कर लिया था. मैंने वहां एक स्कूल बनाया गया था और इसका उद्घाटन करने के लिए मुख्तार अंसारी को बुलाया गया था.’

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विश्वकर्मा ने कहा, ‘स्कूल तक जाने वाली सड़क बनाने के लिए, उनके (मुख्तार अंसारी) लोगों ने 2,000 ईंटें चुरा लीं, जो मैंने अपना घर बनाने के लिए खरीदी थीं.’ जब मुख्तार अंसारी, जो मऊ के रहने वाला था, स्कूल का उद्घाटन करने आए, तो उन्हें सिक्कों से तोला गया था.’

सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी ने बताया कि जमीन राज्य सरकार की है. मैंने तुरंत मुख्तार अंसारी और उनके लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. यह पूछे जाने पर कि उन्होंने पैसे का प्रबंधन कैसे किया, श्री विश्वकर्मा ने कहा कि उन्होंने केस लड़ने के लिए अपनी पेंशन का इस्तेमाल किया. विश्वकर्मा का कहना है कि मुख्तार अंसारी के लोगों ने उनके बड़े भाई पर हमला भी किया था, क्योंकि उन्होंने मामला वापस लेने से इनकार कर दिया था.

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सालों तक माफिया के खिलाफ केस लड़ने के बाद विश्वकर्मा को जीत हासिल हुई. इतने सालों में स्कूल बंद कर दिया गया और मऊ नगरपालिका ने संपत्ति पर कब्जा कर लिया. उन्होंने कहा कि चोरी हुई ईंटें कभी नहीं मिलीं. वहीं, साल 2018 में उन्होंने अपनी पत्नी को खो दिया था.

गैंगस्टर ने 1996 से लगातार पांच बार मऊ विधानसभा सीट जीती, जिसमें दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की. उन्होंने आखिरी बार 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा था.

Tags: Mafia mukhtar ansari gang, Mukhtar Ansari Case

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