कौन हैं CEC राजीव कुमार? UP में जन्म लेकिन झारखंड-बिहार की धरती से है बेहद गहरा नाता

रांची. देश में चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने की जिम्मेदारी जिस भारतीय निर्वाचन आयोग पर है, उसका नेतृत्व करने वाले मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार का झारखंड-बिहार की धरती से गहरा नाता रहा है. बिहार-झारखंड कैडर के आईएएस के रूप में उन्होंने अपने सेवा काल के लगभग 17 साल का वक्त यहां गुजारा है. वह तीन साल से भी ज्यादा वक्त, 1 फरवरी 1993 से 1 जून 1996 तक, रांची के उपायुक्त भी रहे हैं और इस शहर में आज भी कई लोग उनके बेहतरीन कार्यकाल को याद करते हैं.

उनके साथ काम कर चुके एक वरिष्ठ सेवानिवृत्त अफसर बताते हैं कि राजीव कुमार जिस वक्त रांची के उपायुक्त बने थे, उस समय यहां विधि-व्यवस्था को लेकर बड़ी चुनौतियां थी, लेकिन उन्होंने कई जटिल मसले अपनी प्रशासनिक सूझबूझ से बखूबी सुलझाए. राजीव कुमार 1984 बैच के मूल रूप से बिहार कैडर के आईएएस रहे हैं. वर्ष 2000 में नया राज्य बनने के बाद उन्होंने झारखंड कैडर चुना था.

2000 में वह यहां कार्मिक विभाग में निदेशक, प्राथमिक शिक्षा विभाग में निदेशक और 2000 से 2001 तक उद्योग विभाग के निदेशक के रूप में पदस्थापित रहे. बिहार-झारखंड में अपने सेवा काल में राजीव कुमार एसडीएम, एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर), डीडीसी, डीएम और सचिव आदि पदों पर रहकर शासन-प्रशासन को मजबूती देने में जुटे रहे. इसके बाद वह 2020 में सेवानिवृत्ति तक ज्यादातर समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे.

बीच में वर्ष 2008 से 2012 वह नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन में एडिशनल रेजिडेंट कमिश्नर और रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर भी पोस्टेड रहे. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में वित्त सचिव के तौर पर बैंकिंग सुधारों के लिए उन्हें उल्लेखनीय तौर पर याद किया जाता है. राजीव कुमार का जन्‍म 19 फरवरी 1960 को यूपी में हुआ. वे लोक नीति में पोस्‍ट ग्रेजुएट हैं. उन्होंने बीएससी, एलएलबी, पीजीडीएम और सहित कई शैक्षणिक डिग्रियां हासिल की.

उन्हें सोशल सेक्टर, पर्यावरण और वन, मानव संसाधन, वित्त और बैंकिंग के क्षेत्र में कार्य करने का लंबा अनुभव प्राप्त है. पहले राज्य और फिर केंद्र में रहकर उन्होंने कई मंत्रालय संभाले. वह कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में स्थापना अधिकारी के अलावा व्यय विभाग में संयुक्त सचिव और जनजातीय कार्य मंत्रालय, पर्यावरण और वन मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं.

उन्होंने शिक्षा विभाग में भी अहम जिम्मेदारी संभाली है. उन्होंने 2017 और 2020 के बीच वित्त मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान शेल कंपनियों पर कार्रवाई शुरू की और तीन लाख से अधिक ऐसी कंपनियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए. राजीव कुमार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को व्यवस्थित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. राजीव कुमार 15 मई 2022 से भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और उनका यह कार्यकाल फरवरी 2025 में समाप्त होगा.

Tags: Election commission, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Rajiv kumar

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