09 जून को उन्होंने मोदी से लेकर हर मंत्री को नाम लेकर शपथ के लिए बुलायाफिर इसके बाद सभी से रजिस्टर पर साइन भी कराया इस पूरे शपथ ग्रहण समारोह को संचालित करने का जिम्मा उन्हीं के पास था
आप अगर टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह को देख रहे हों तो देखा होगा कि काले रंग का सूट पहने एक शख्स ने पहले पीएम नरेंद्र मोदी को नाम लेकर शपथ के लिए बुलाया और फिर अन्य मंत्रियों को. क्या आप जानते हैं कि वो कौन हैं. क्यों मोदी और उनके मंत्रियों को ना केवल शपथ दिलवाने में मदद कर रहे हैं बल्कि उनसे रजिस्टर में साइन भी करा रहे हैं.
इन शख्स का नाम है राजेश वर्मा. वह राष्ट्रपति सचिवालय में सचिव हैं. जब द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनीं, तब से ही वह उनके सेक्रेटिएट में सचिव हैं. वह उसी राज्य के कैडर से ताल्लुक रखते हैं, जिस राज्य से खुद राष्ट्रपति आती हैं.
जब शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ तो उन्होंने राष्ट्रपति से इस समारोह को शुरू की इजाजत मांगी और इसके बाद शपथ के कार्यक्रम को शुरू किया. वह लगातार पूरे कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू से थोड़ा हटकर पीछे खड़े रहे. हर बार माइक पर हर मंत्री को नाम से मुखातिब करके बुलाते रहे.
राष्ट्रपति भवन में केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी और संचालन की जिम्मेदारी प्रेसीडेंट सेक्रेटिएट के सचिव की होती है. (X handle)
दरअसल जब भी राष्ट्रपति भवन में नई केंद्रीय सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होता है तो इस समारोह को राष्ट्रपति भवन के सचिवालय का सचिव ही संचालित करता है. प्रधानमंत्री कार्यालय से मंत्रियों की सूची राष्ट्रपति को एड्रेस करके उसी के पास भेजी जाती है.
ओडिशा कैडर के सीनियर आईएएस अफसर
राजेश वर्मा सीनियर आईएएस अधिकारी हैं. ओडिशा कैडर के हैं. द्रौपदी मुर्मू ने जैसे ही देश का सर्वोच्च पद संभाला, तब उन्हें अपना सचिव नियुक्त किया. इससे पहले वह ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रधान सचिव और ओडिशा सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर भी काम कर चुके हैं.
राजेश वर्मा सीनियर आईएएस हैं और ओडिशा कैडर से ताल्लुक रखते हैं.
कोरोना दौर में उन्हें काम के लिए सराहना मिली थी
वह कोरोना के दौर में अपने बेहतर कामों के लिए चर्चा में आए थे. तब वह कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के सचिव थे. उन्हें तब साथ ही वित्तीय सेवा सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. तब उन्होंने तमाम पैकेज की तैयारी करने में बढ़िया काम किया था.
पटनायक भी उनकी तारीफ कर चुके हैं
उन्होंने लॉकडाउन और मंदी के दौरान कंपनियों की खस्ता हालत को सुधारने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उन्होंने लोगों को विकास कार्यों में जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने अपने काम में हमेशा ईमानदारी और सत्यनिष्ठा दिखाई और यही वजह है कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी उनकी कई बार तारीफ कर चुके हैं.
उन्हें अप्रैल 2020 में एमसीए सचिव नियुक्त किया गया था. उसी वर्ष, उन्हें निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया. जब वह राष्ट्रपति के सचिव बने तब उन्होंने असम-मेघालय कैडर के 1980 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी कपिल देव त्रिपाठी का स्थान लिया था.
राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं
1 सितम्बर 1964 को जन्मे वर्मा 60 वर्ष के होने वाले हैं. वह केंद्र और ओडिशा राज्य में अलग अलग पदों पर काम कर चुके हैं. राजेश वर्मा आमतौर पर लो प्रोफाइल रहने वाले अधिकारी हैं. वह 1987 में आईएएस बने थे. बेशक उनका कैडर ओडिशा रहा हो लेकिन वह मूलतौर पर राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं.उन्होंने इलैक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
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FIRST PUBLISHED : June 9, 2024, 21:15 IST