आदित्य आनंद/गोड्डा. इस आधुनिक युग में जहां एक ओर नई पीढ़ी के बच्चे मोबाईल फ़ोन पर PUBG गेम्स खेलने में व्यस्त हैं. वहीं आज भी गांव समेत बाजार और शहरों में सपेरों का क्रेज बरकरार है. गलियों में सपेरो के डमरू की आवाज सुनते ही छोटे-छोटे बच्चों की भीड़ सपेरे के पीछे लग जाती है और सपेरा जहां अधिक बच्चों की भीड़ देखता है. वहां सांप का खेल दिखना शुरू कर देता है. जहां सपेरा कई अलग-अलग और अनोखे सांप बच्चों को दिखाता है और सांप दिखने के बाद बच्चे और दर्शक पैसे और चावल देते हैं.
गोड्डा के महागामा में सांप का खेल दिखाने आए सागर मस्तान ने बताया कि वह बिहार के मंदार बौसी से आए हैं और गोड्डा जिले में घूम-घूमकर सांप का खेल दिखने का काम करते हैं. खेल दिखाने के बाद दर्शक खुश होकर 5 – 10 रुपए देते हैं, जिसे जमा कर दिन भर में वह 400 से 500 रुपए तक की कमाई करते हैं. इसी से वह अपना जीवन चलाते हैं.
कोबरा को देख रोमांचित होते हैं लोग
सपेरे ने बताया कि उनके पास कुल 4 सांप मौजुद हैं, जिसे उसने बांका के बौसी मांदर पर्वत से पकड़ा था. सांप पकड़ने के बाद गोड्डा के गम्हरिया के रहने वाले अनुभवी सपेरे से उसने सांप का जहर निकलवाया था. जिसमें उनके पास दूधिया खरीस, लकड़हारा सांप, बोड़ी सांप, और ब्लैक कोबरा सांप मौजुद है. और इन सब का जहर निकल कर वो खेल दिखाते हैं.
सपेरे ने बताया कि कोबरा को ग्रामीण क्षेत्र में दूधिया खरीद कहा जाता है, जो बहुत ही खतरनाक होता है. इसके काटने पर 1 से 2 घंटे के अंदर इंसान की मौत हो जाती है. इसकी लंबाई 3 फीट के करीब होती है. दूसरा ब्लैक कोबरा, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में काला नाग कहा जाता है. यह सांप भी काफी खतरनाक होता है और इसकी भी लंबाई उतनी ही होती है. तीसरे सांप को ग्रामीण भाषा में बोड़ी सांप कहा जाता है. इसकी फूंक से इंसान की चमड़ी में जहर फैलने लगता है. जिससे उनकी मौत हो सकती है. इसके साथ उसके पास मौजुद अंतिम सांप का नाम लकड़हारा सांप कहा जाता है. जो अक्सर ताड़ या खजूर के पेड़ में रहते हैं. इस सांप की लंबाई अधिकतम 12 हाथ तक होता है. जिसके काटने से इंसान की 5 से 6 घंटे में मौत हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : March 15, 2024, 10:46 IST