Anti Rabies Vaccine after Dog Biting: अगर कुत्ता या बिल्ली काट ले तो घबराएं नहीं. बल्कि काटे हुए घाव को कपड़े धोने वाले साबुन और पानी की धार से करीब 15 मिनट तक लगातार धोएं. इसके बाद बिना देर किए सीधे एंटी रेबीज की वैक्सीन लगवाने के लिए मरीज को अस्पताल लेकर जाएं. 24 घंटे के अंदर रेबीज की वैक्सीन का लगना जरूरी है.
भारत सरकार, एंटी रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत रेबीज की वैक्सीन मुफ्त लगाती है. आज आपको बताते हैं कि यह वैक्सीन आखिर किन अस्पतालों में मिलती है? क्या प्राइवेट अस्पतालों में इस वैक्सीन के लिए कोई चार्ज देना पड़ता है?
कुत्ता काट ले तो वैक्सीन के लिए कहां जाएं?
वैसे तो भारत सरकार और राज्य सरकारों की ओर से सभी सरकारी अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी सेंटरों पर एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध कराई जाती हैं. कई बार इन वैक्सीनों के कम टेंपरेचर पर रखरखाव और 6 दिनों के अंदर वायल खत्म करने की बाध्यता के चलते यह वैक्सीन छोटे सरकारी अस्पतालों या सेंटरों पर नहीं उपलब्ध नहीं रहती. ऐसे में जिला अस्पताल बेहतर विकल्प हो सकता है.
. दिल्ली में आरएमएल, सफदरजंग अस्पताल, लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, हिंदू राव अस्पताल, चाचा नेहरू अस्पताल आदि में यह एंटी रेबीज वैक्सीन फ्री मिलती है.
. नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद आदि शहरों में जिला अस्पतालों में यह वैक्सीन 24 घंटे मुफ्त उपलब्ध रहती है.
. प्राइवेट अस्पतालों या एंटी रेबीज क्लीनिकों या निजी अस्पतालों में भी रेबीज की वैक्सीन मिलती है हालांकि इसके लिए चार्ज देना पड़ता है.
कितनी वैक्सीन लगती हैं?
कई साल पहले कुत्ता, बिल्ली या बंदर के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन की 9 डोज पेट पर दी जाती थीं लेकिन अब सिर्फ 4 और 5 डोज बांह पर और बच्चों की जांघ पर लगाई जाती हैं.
इंड्राडर्मल या इंट्रामस्कुलर..
. आजकल वैक्सीन दो तरह से लगती है. इंट्रामस्कुलर यानि हाथ की मांसपेशी के अंदर लगती है और इसकी कुल 5 डोज, डॉग या एनिमल बाइट एक्सपोजर के 0, तीसरे, सातवें, 14वें और 28 वें दिन लगती है.
. जबकि दूसरी वैक्सीन है इंट्राडर्मल वैक्सीन जो त्वचा की लेयर के अंदर लगती है. यह उसी दिन, तीसरे, सातवें और 28 वें दिन पर लगती है. आजकल ज्यादातर अस्पतालों में यही वैक्सीन लगाई जा रही है.
प्राइवेट अस्पताल में क्या है कीमत
. प्राइवेट अस्पतालों में एंटी रेबीज क्लीनिकों में वैक्सीन की एक डोज की कीमत 250 रुपये से 300 रुपये तक होती है. ऐसे में 4 डोज के लिए 1200 रुपये तक देने पड़ते हैं. हालांकि पैसिव इम्यूनिटी के लिए एक बार लगने वाले एंटी रेबीज सीरम की कीमत 1500 से 2000 के आसपास होती है. जबकि सरकारी अस्पतालों में यह वैक्सीन पूरी तरह निशुल्क है.
वैक्सीन के बाद हो सकती हैं ये दिक्कतें
. वैक्सीन वाली जगह पर हल्की खुजली हो सकती है.
. बुखार आ सकता है.
. बॉडी पेन हो सकता है.
. त्वचा पर लाल दाने हो सकते हैं.
. सिरदर्द
. ऊबकाई आना
. पेट में दर्द
. थकान
वैक्सीन लगने के बाद क्या न करें
. इंजेक्शन लगी जगह को रगड़ें या खुजलाएं नहीं.
. अगर वैक्सीन वाली जगह पर दर्द भी हो रहा हो तो वहां कुछ भी न लगाएं.
. सबसे जरूरी बात है कि रेबीज वैक्सीन के कोर्स को जरूर पूरा करें.
रेबीज की मौजूद हैं ये वैक्सीन
एनसीडीसी की एंटी रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम की गाइडलाइंस कहती हैं कि जो भी वैक्सीन डीजीसीआई ने अप्रूव की हैं, वहीं लगाई जानी चाहिए. फिलहाल आरएमएल अस्पताल में रेबीज ह्यूमन डिप्लोइड सेल वैक्सीन (Rabies human diploid cell vaccine), वैरो सैल वैक्सीन (Vero cell rabies vaccine) लगाई जाती हैं. इस वैक्सीन की एक डोज में .1 एमएल लगता है.
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FIRST PUBLISHED : March 16, 2024, 19:17 IST