राहुल दवे/इंदौर: बैंक से लोन लेकर किसान ने 20 भैंस खरीद ली. इनमें से दस का बीमा भी करा लिया, लेकिन किसी कारण से एक के बाद एक तीन भैंस की मौत हो गई. इस पर किसान ने बीमा कंपनी से क्लेम मांगा तो क्लेम देने से इनकार कर दिया गया. राज्य उपभोक्ता फोरम ने किसान की अपील खारिज कर दी. दरअसल, किसान की यह फजीहत इसलिए हुई कि उसने भैंसों की मौत के बाद पोस्टमार्टम नहीं कराया था.
अपने स्तर पर बना लिया पंचनामा
अपीलकर्ता किसान ने जिला सहकारी व कृषि विकास बैंक से 20 भैंस खरीदने के लिए लोन लिया था. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी से फिर 10 भैंसों के लिए दो बीमा पॉलिसी भी ली थी. पॉलिसी लेने के बाद एक भैंस की मौत हो गई. किसान ने अपने स्तर से ही पंचनामा बना लिया. फिर दूसरी और तीसरी भैंस मर गई तो भी पीएम कराने की जगह पंचनामा बनाकर बीमा कंपनी से मुआवजा दिलाए जाने की मांग की.
पहले जिला फोरम ने खारिज किया
जब बीमा कंपनी से भैंसों की मौत पर बीमा राशि नहीं मिली तो किसान ने जिला फोरम के समक्ष परिवाद दायर कर दिया. यहां परिवाद खारिज हुआ तो मामला राज्य उपभोक्ता फोरम में लगाया.
राज्य फोरम ने फैसले में यह कहा
सुनवाई के दौरान राज्य फोरम ने फैसले में कहा कि केवल पंचनामा को आधार मानकर परिवाद स्वीकार नहीं किया जा सकता. भैंसों की मौत हुई है तो उसका पोस्टमार्टम भी कराना जरूरी है. वही अधिकृत दस्तावेज भी है. राज्य फोरम के पीठासीन सदस्य एके तिवारी, सदस्य डॉ. श्रीकांत पांडे ने किसान की अपील खारिज कर दी है.
बीमा कंपनी को सूचना देनी थी
फोरम ने यह भी कहा कि मालिक की जिम्मेदारी थी कि भैंसों की मौत होते ही सबसे पहले बीमा कंपनी को सूचना करना चाहिए थी. सेल्फ अटेस्टेड, अपने लोगों के साइन वाले पंचनामे से काम नहीं चलेगा.
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FIRST PUBLISHED : April 3, 2024, 21:54 IST