घुटनों की परेशानी से जूझ रहे लोग नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करवा सकते हैं.घुटनों के प्रत्यारोपण में खराब कार्टिलेज निकालकर इम्प्लांट लगाए जाते हैं.
All About Knee Replacement: कई लोगों को 40-50 की उम्र में ही आर्थराइटिस की बीमारी हो जाती है और उन्हें घुटनों की गंभीर समस्या हो जाती है. इससे निजात पाने के लिए कई लोग घुटनों का रिप्लेसमेंट कराने का फैसला करते हैं. हालांकि तमाम लोग यह नहीं जानते हैं कि नी रिप्लेसमेंट क्या प्रक्रिया है और यह कितनी कारगर होती है. आज हड्डी रोग विशेषज्ञ से इन सभी सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के ऑर्थेपेडिक एंड स्पाइन डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. हिमांशु त्यागी ने News18 को बताया कि घुटनों का प्रत्यारोपण (Knee Replacement) एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसमें घुटने की खराब सतह (कार्टिलेज) को हटाकर मेटेलिक इम्प्लांट लगा दिए जाते हैं. इससे मरीज के घुटनों की खराब सतह हट जाती है और उसकी जगह इम्प्लांट आ जाते हैं. इससे घुटनों की सतह में घिसने से होने वाला दर्द बंद हो जाता है और मरीजों की घुटनों की समस्या दूर हो जाती है. नी रिप्लेसमेंट कराने के बाद लोग दोबारा चलना-फिरना शुरू कर सकते हैं.
डॉक्टर ने बताया कि आमतौर पर 50 की उम्र के बाद लोगों के घुटनों का कार्टिलेज खराब होने लगता है और कई लोगों की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है. जिन लोगों को चलने-फिरन में घुटनों में दर्द हो, रात को सोते समय जॉइंट्स में दर्द हो, रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत हो या सीधी सड़क पर 500 मीटर भी न चला जाए, घर के अंदर पानी लेना भी दुश्वार हो जाए और दर्द असहनीय हो जाए, तो ऐसे लोगों को घुटनों के प्रत्यारोपण की जरूरत हो सकती है. जिन लोगों को सीढ़ियां चढ़ने में बहुत दिक्कत हो और रात को दवा लेकर सोना पड़े, तो डॉक्टर से मिलकर जांच करानी चाहिए.
अब सवाल है कि क्या एक साथ दोनों घुटने रिप्लेस किए जा सकते हैं? इस पर डॉक्टर हिमांशु त्यागी का कहना है कि नी रिप्लेसमेंट में एक घुटना रिप्लेस करने में करीब डेढ़ से 2 घंटे लगते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान शरीर के निचले हिस्से को एनस्थीसिया के जरिए सुन्न कर दिया जाता है और यह सर्जरी की जाती है. एक साथ दोनों घुटने भी रिप्लेस किए जा सकते हैं और इनमें 2 दिन का गैप भी लिया जा सकता है. कुल मिलाकर मरीज को यह सर्जरी कराने के लिए करीब 4 दिनों तक हॉस्पिटल में रहने की जरूरत होती है. डॉक्टर की मानें तो यह प्रक्रिया बेहद सफल रहती है और मरीजों की परेशानी दूर हो जाती है.
एक्सपर्ट की मानें तो आज के दौर में नी रिप्लेसमेंट के लिए कई बेहतरीन तकनीक उपलब्ध हैं, जिनके जरिए सर्जरी करने पर बेहतरीन रिजल्ट मिल सकते हैं. अगर बेहतर इम्प्लांट लगाया जाए, तो यह 20 से 25 साल तक चल जाते हैं. सही टेक्निक और बेहतर डॉक्टर से इम्प्लांट डलवाए जाएं, तो लोग करीब 20 साल बिना परेशानी के जिंदगी जी सकते हैं. डॉक्टर की मानें तो अगर आपकी उम्र 50 से ज्यादा है और आपको घुटनों की समस्या है, तो हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिलकर सलाह ली जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 15:13 IST