भोपाल. मध्य प्रदेश के मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार भरती है. जबकि, राज्य से बाकी कर्मचारी, चतुर्थ-श्रेणी कर्मचारी भी अपना इनकम टैक्स खुद भरते हैं. प्रदेश में यह हाल तब हैं जब राज्य से मंत्रियों की औसत संपत्ति 18 करोड़ रुपये सालाना है. सरकार ने साल 1994 में विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और मंत्रियों का इनकम टैक्स भरना शुरू किया था. यह व्यवस्था आज भी चल रही है. जानकारी के मुताबिक, प्रदेश की सरकार ने साल 2023-24 में 79.07 लाख रुपये इनकम टैक्स जमा किया. इस इनकम टैक्स में 35 नेताओं का ब्यौरा शामिल है. बता दें, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में यह व्यवस्था पहले ही खत्म की जा चुकी है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पिछले साल में नेताओं के इनकम टैक्स पर ही तीन करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं. इस साल भी अगल महीने में सरकार को इन नेताओं का इनकम टैक्स जमा करना है. यह मामला सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के तहत आता है. जीएडी के अधिकारियों का कहना है कि पहले नेता खुद अपना इनकम टैक्स भर देते हैं. उसके बाद सरकार उन्हें ये राशि देती है. सरकार जिन मंत्रियों का इनकम टैक्स जमा करती है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बृजेंद्र प्रताप सिंह, गोपाल भार्गव, कमल पटेल, यशोधरा राजे सिंधिया, बिसाहू लाल सिंह जैसे नेता शामिल हैं.
इनके लिए सरकार के पास कोई व्यवस्था नहीं
बता दें, सरकार करोड़पति मंत्रियों का तो इनकम टैक्स जमा कर रही है, लेकिन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी खुद ही अपना इनकम टैक्स जमा कर रहे हैं. ये कर्मचारी 16 हजार रुपये से लेकर 35 हजार रुपये तक टैक्स जमा कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि शासन के पास मंत्रियों के लिए तो नियम हैं, लेकिन कर्मचारियों के लिए कोई नियम नहीं हैं. कर्मचारियों को खुद ही अपना इनकम टैक्स जमा करना होगा.
किन राज्यों में है ये व्यवस्था
गौरतलब है कि, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में सरकार यह व्यवस्था बंद कर चुकी है. इस जुलाई से असम में सभी मंत्री अपनी बिजली बिल भी भरेंगे. देश में झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ राज्यों में सरकार माननीयों का इनकम टैक्स भरती है.
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FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 10:38 IST