हरियाणा के करनाल जिले में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां जमीनी विवाद के चलते दबंगों ने पुलिस के डंडे छीनकर पूर्व पंचायत मेंबर वेदप्रकाश पर हमला कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे। वेदप्रकाश का आरोप है कि चौकी के पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से ही उनके साथ मारपीट की गई। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
वेदप्रकाश, जो गांव सालवन के निवासी हैं, ने बताया कि उनका आरोपियों के साथ जमीनी विवाद चल रहा है, जो अदालत में विचाराधीन है। 18 दिसंबर को वे अपनी गेहूं की फसल देखने गए थे और लौटते समय गोस्वामी डेरे के पास कुछ लोग हथियारों से लैस होकर उन्हें गालियां देने लगे। अपनी जान बचाने के लिए वे मोटरसाइकिल मोड़कर दूसरे रास्ते से घर जाने लगे।
घटना के बाद जब वेदप्रकाश अपने परिवार के साथ सालवन चौकी शिकायत दर्ज कराने गए, तो वहां कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। उन्होंने चौकी इंचार्ज को कॉल किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद वे डायल 112 और एसपी करनाल को भी घटना की जानकारी दी। एसपी के आदेश पर वे चौकी पहुंचे, जहां हवलदार सलीम ने उन्हें डांटते हुए कहा कि वे एसपी को फोन करने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं। इसके बाद भी वेदप्रकाश ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
वेदप्रकाश ने यह भी बताया कि पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन आरोपियों से देसी कट्टा बरामद नहीं किया। पुलिस ने आरोपियों के हाथ से लाठी-डंडे तो जब्त किए, लेकिन देसी कट्टा जब्त नहीं किया। पीड़ित का आरोप है कि आरोपियों ने पुलिस के डंडे छीन लिए और उन्हें बुरी तरह से पीटा, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। इस दौरान पुलिसकर्मी केवल तमाशा देखते रहे और वीडियो बनाते रहे। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर उसकी जान बचाई।
पुलिस चौकी में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई और आरोपियों को छोड़ दिया गया। घायल वेदप्रकाश ने असंध सरकारी अस्पताल में इलाज कराया। जब वे चौकी लौटे, तो आरोपी वहां से भाग चुके थे।
वेदप्रकाश ने सालवन चौकी के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए सीआईए से मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों ने चौकी इंचार्ज के सामने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी, लेकिन चौकी इंचार्ज ने केवल चेतावनी दी और कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
एसपी करनाल गंगाराम पूनिया ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके अलावा, लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों की जांच शुरू कर दी गई है और अगर वे दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।