दीपक पाण्डेय/खरगोन.शास्त्रों एवं पुराणों के मुताबिक हनुमानजी चिरंजीवी है. इसीलिए उन्हें कलयुग का देवता भी कहते है. सभी के दुख दर्द को हर लेने वाले संकट मोचन हनुमानजी के गांव-गांव में मंदिर है. इन मंदिरों में हनुमान जी विभिन्न स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दे रहे है. ऐसा ही एक प्राचीन एवं अद्भुत मंदिर मध्य प्रदेश में है. मंदिर के पास ही में नदी है. कहते हैं कि बारिश के दिनों में नदी में कई बार बाढ़ आई. मंदिर के शिखर तक पानी पहुंच गया. परंतु मंदिर और मूर्ति को खरोंच तक नहीं आई. भक्त इसे भगवान का चमत्कार ही मानते है.
यह मंदिर खरगोन शहर में कुंदा नदी के किनारे पर बना हुआ है. श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में भगवान युवा अवस्था में विराजमान है. हनुमानजी की प्रतिमा इतनी अलौकिक और तेजस्वी है कि देखते ही मन प्रसन्न हो उठता है. मान्यता है कि यहां आटे का दिया जलाने से सारे संकट दूर हो जाते हैं. यही वजह है की मंदिर से हजारों भक्तों की आस्था जुड़ी है. मंगलवार और शनिवार को शहर सहित आस-पास के गांवों से बड़ी संख्या में भक्त दर्शन और चोला चढ़ाने यहां आते हैं.
350 साल से मंदिर जस का तस
मंदिर के पुजारी अंतिम गोस्वामी ने लोकल 18 से कहा कि यह मंदिर अति प्राचीन होकर लगभग 350 वर्ष पुराना है. शहर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है.इतने वर्षो बाद भी मंदिर जैसा बना था वैसा ही है. आजतक कोई बदलाव नहीं हुआ है. कुंदा नदी के तट पर होने से नदी की बाढ़ का पानी कई बार मंदिर के शिखर तक पहुंच गया, लेकिन मंदिर और प्रतिमा को कभी कोई क्षति नहीं पहुंची.
एक दिन पहले शुरू होंगे अनुष्ठान
पुजारी ने कहा कि 23 अप्रैल 2024 मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाएंगे. उत्सव को लेकर मंदिर को आकर्षक लाइटिंग से सजाया है. कल फूलों से गर्भगृह और मंदिर की सजावट होगी. जन्मोत्सव के पहले 22 अप्रैल की रात से अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. भगवान का रुद्राभिषेक होगा. रात्रि में ही हवन होगा. अगले दिन 23 अप्रैल की सुबह 6 बजे जन्म आरती होगी. रात 9 बजे सुंदर काण्ड होगा.
जन्मोत्सव पर दिनभर चलेगा भंडारा
पुजारी अंतिम गोस्वामी ने local 18 से बताया कि जन्मोत्सव के दिन प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी विशाल भंडारा होगा. 11 बजे भंडारा प्रारंभ होगा और दिनभर चलेगा. इस भंडारे में लगभग 15000 भक्त भोजन प्रसादी ग्रहण करेंगे. 12 क्विंटल मुक्ति प्रसादी बनाई जा रही है. जिसका काम अभी से शुरू हो गया है. भंडारे में भक्तों को मुक्ति के साथ साथ में सब्जी, पूरी, दाल, चावल मिलेंगे. बता दें की शहर का यह सबसे बड़ा भंडारा होता है. विगत 15 वर्षो से निरंतर जन सहयोग से चल रहा है. खास बात यह है की मंदिर समिति किसी से चंदा नहीं मांगते. भक्त खुद दान पात्र में सहयोग राशि डाल जातें है.
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FIRST PUBLISHED : April 22, 2024, 21:50 IST