रतलाम. आदिवासी बेल्ट की रतलाम झाबुआ संसदीय सीट मध्य प्रदेश की लोकसभा चुनाव की हॉट सीटों में से एक है. यहां आजादी के बाद कांग्रेस को पहली बार साल 2014 में शिकस्त मिली. लेकिन, कुछ महीने बाद ही बीजेपी सांसद दिलीप सिंह भूरिया की असमय मृत्यु हो गई. साल 2015 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने वापस यह सीट बीजेपी से छीन ली. उस समय लगा कि वाकई यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट है. इस पर जीतना बीजेपी के लिए आसान नहीं है. लेकिन, साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के जीत के मंत्र की बदौलत बीजेपी ने फिर यह सीट कांग्रेस से हथिया ली.
बीजेपी के जीएस डामोर ने 90 हजार से ज्यादा वोटों से कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को हरा दिया. पलायन और बेरोजगारी इस सीट के प्रमुख मुद्दे हैं. इनका जवाब बीजेपी के पास भी नहीं है. हालांकि, रतलाम के पास आकार लेने वाला विशेष निवेश क्षेत्र पलायन और बेरोजगारी के सवालों का जवाब हो सकता है. लेकिन, इस निवेश क्षेत्र का काम ही अभी शुरू नहीं हो पाया है. इस बीच अधिकांश लोग पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही वोट देने और राम मंदिर जैसे मुद्दे को अहम बता रहे हैं. लोगों का मानना है कि इस बार भी बीजेपी यहां आसानी से जीत दर्ज कर लेगी.
बीजेपी ने क्यों काटा इस सांसद का टिकट
खास बात यह है कि बीजेपी ने इस बार वर्तमान सांसद गुमान सिंह डामोर का टिकट काट दिया. लगातार कार्यकर्ताओं की नाराजगी और शिकायतों के चलते बीजेपी ने सांसद डामोर को घर बैठा दिया. पार्टी ने उनकी जगह वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता नागर सिंह चौहान को टिकट देकर मैदान में उतारा है. बता दें, यह सीट महिला प्रत्याशियों के लिए अनलकी साबित हुई है. इसके पहले रेलम चौहान और निर्मला भूरिया को बीजेपी टिकट देकर चुनाव लड़ा चुकी है. यह दोनों ही महिला प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया से चुनाव हार चुकी हैं. इस बार मोदी लहर और कार्यकर्ताओं की बदौलत बीजेपी प्रत्याशी अनीता चौहान जीत का दावा कर रही है.
इस सीट पर बराबरी का हो सकता है मुकाबला
दूसरी ओर, कांग्रेस अपनी इस परंपरागत सीट पर जीत को लेकर आश्वस्त है. रतलाम कांग्रेस के अध्यक्ष महेंद्र कटारिया का कहना है कि भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और पलायन ऐसे मुद्दे हैं जिनकी बदौलत जनता बीजेपी को नकार देगी. हाल ही में रतलाम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जनता उत्साहित है और वह भारी बहुमत से कांग्रेस को जीत दिलवाएगी. आंकड़ों की बात करें तो इस लोकसभा सीट में कुल 8 विधानसभा सीटे हैं. इनमें चार पर बीजेपी, तीन पर कांग्रेस और एक पर भारतीय ट्रायबल पार्टी के विधायक हैं. ऐसे में टक्कर बराबरी की नजर आ रही है. वहीं, जयस बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए इस चुनाव में भी चुनौती साबित हो सकती है. क्योंकि, क्षेत्र में हर सीट पर जयस का प्रभाव है. सैलाना सीट पर जयस समर्थित विधायक भी काबिज हैं. बता दें, इस लोकसभा चुनाव में 19 लाख 84 हजार से ज्यादा वोटर इस बार भी अपने सांसद का चुनाव करने जा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 09:40 IST