रोहित भट्ट/ अल्मोड़ा:- उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा चंद वंश राजाओं की राजधानी रही है. राजाओं के समय की कई धरोहर आज भी देखी जा सकती है. उन्हीं में से एक अल्मोड़ा नगर के पूर्वी छोर पर ‘खगमरा’ नामक का किला है. इस किले का निर्माण चंद शासक राजा भीष्म चंद ने 15वीं शताब्दी में करवाया था. पहले चंद राजाओं की राजधानी चंपावत हुआ करती थी. इतिहासकारों की मानें, तो भीष्म चंद शिकार खेलने के दौरान वह अल्मोड़ा नगर में आए और यहां उनकी नजर इस जगह में पड़ी और उन्होंने यहां पर रहकर किले का निर्माण कराया. अल्मोड़ा के पुलिस लाइन में यह किला आज भी देखने को मिलता है.
दरअसल, खगमरा का किला काफी ऊंचाई में देखने को मिलता है, क्योंकि कुमाऊं में गढ़वाल, नेपाल और तिब्बत से हमले होते थे, जिसकी वजह साम्राज्य विस्तार थी. तब राजा भीष्म चंद ने सुरक्षा की दृष्टि से अल्मोड़ा में सबसे ऊंचाई वाली जगह को किला बनाने के लिए चुना, ताकि दुश्मनों पर नजर रखी जा सके. उनके आने की सूचना पहले ही मिल सके और वे युद्ध के लिए तैयार हो सके. यह किला आज भी अल्मोड़ा के सुनहरे इतिहास को बयां करता है. बताया जाता है कि भीष्म चंद की हत्या इसी किले में हुई थी.
इस राजा ने कराया निर्माण
अल्मोड़ा निवासी इतिहासकार बीडीएस नेगी ने कहा कि खगमरा किले को लेकर जनश्रुतियां मिलती हैं कि राजा भीष्म चंद ने इस किले का निर्माण कराया था. चंद राजा जब अल्मोड़ा के दौर में आए थे, तब वह शिकार खेलते हुए यहां पर पहुंचे थे. उन्हें यह जगह काफी अच्छी लगी और काफी ऊंचाई में होने की वजह से सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह जगह काफी सुरक्षित थी. इस जगह पर स्थानीय राजा गजुवाठिंगा ने राजा भीष्म चंद की हत्या की. इसके बाद राजा के उत्तराधिकारियों ने चंपावत से आकर यहां पर राजधानी का विस्तार किया.
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राजा भीष्म चंद के थे बेटे
इतिहासकार बीडीएस नेगी ने कहा कि किताबें और कई जगह पर लिखा है कि भीष्म चंद की कोई भी संतान नहीं थी, पर ऐसा नहीं है. भीष्म चंद के ताम्रपत्र में उल्लेख है कि उनके दो राजकुमार थे, जिसमें छोटे बेटे का नाम कल्याण सिंह और ज्येष्ठ पुत्र का नाम जौनसुखा था. भीष्म चंद जब जीवित थे, तब उनके पुत्र जौनसुखा का निधन हो गया था, पर भीष्म चंद की हत्या होने के बाद कल्याण सिंह ने आगे की कमान संभाली.
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FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 17:54 IST