नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बुधवार को अपने उम्मीदवारों की 10वीं लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में बीजेपी ने गाजीपुर से पारसनाथ राय को टिकट दिया है. दरअसल इस सीट के उम्मीदवार को लेकर के लोगों के मन में काफी उत्सुकता बनी हुई थी. इसके साथ ही साथ यह सीट पूर्वांचल के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. इस सीट और यहां के उम्मीदवारी से पूर्वांचल का नरेटिव भी तय होता है. इस कारण बीजेपी ने इस सीट से उम्मीदवार का नाम फाइनल करने से पहले सारे समीकरण और संभावनाओं को टटोला है.
बीजेपी ने अपने 10वे में सूची में पारसनाथ राय को उम्मीदवार बनाया, लेकिन उनकी उम्मीदवारी से पहले कई नामों पर पार्टी के अंदर गहन विचार विर्मश हुआ. गाजीपुर सीट से मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी के सामने बीजेपी के सबसे बड़ा चेहरा और नाम मनोज सिन्हा का आता है, जो 2014 में वहां से जीत चुके हैं. इतना ही नहीं वह मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके साथ ही साथ मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल भी हैं.
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, बीजेपी में उनके नाम पर विचार किया गया, लेकिन यह तय किया गया कि उन्हें जम्मू कश्मीर की ही अभी जिम्मेदारी दी जाए. इसके साथ ही दूसरे नाम पर जिस पर चर्चा की गई उसमें मनोज सिन्हा के पुत्र अभिनव सिन्हा का नाम आता है. अभिनव सिन्हा पेशे से इंजीनियर हैं और मनोज सिन्हा के जम्मू कश्मीर जाने के बाद वहां पर राजनीतिक और सामाजिक तौर पर काफी सक्रिय हैं. गाजीपुर में उन्हें उनके कार्यों के कारण पसंद भी किया जाता रहा है और वह वहां से पार्टी के जीताऊ उम्मीदवार हो सकते थे, लेकिन परिवारवाद के आरोप ना लगे इसलिए उनके नाम पर अंतिम मोहर नहीं लगाई गई.
सूत्रों की माने तो गाजीपुर से कृष्णा राय की पत्नी अलका राय के नाम पर भी चर्चा हुई, लेकिन वह पिछला विधानसभा चुनाव हार चुकी थी इसलिए पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया.
इन समीकरणों का भी रखा गया ध्यान
दरअसल पूर्वांचल में बीजेपी को एक भूमिहार उम्मीदवार देना था. इसके साथ ही बलिया और गाजीपुर ही ऐसी सीट है जहां से किसी भूमिहार उम्मीदवार को उतारा जा सकता था. बलिया में ठाकुर उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर किसी भूमिहार को टिकट देना बीजेपी के लिए खतरा भरा हो सकता था. इसके साथ ही बलिया में कोई प्रभावशाली भूमिहार उम्मीदवार नहीं था. बीजेपी ने बलिया या गाजीपुर से एक भूमिहार उम्मीदवार के मार्फत गाजीपुर, बलिया, घोसी, आजमगढ़, बनारस जैसे सारे क्षेत्रों के भूमिहार को मैसेज देना चाहती थी. इसलिए बलिया से ठाकुर नीरज शेखर की उम्मीदवारी तय की गई और गाजीपुर में भूमिहार देना तय हुआ.
संघ की रही महत्वपूर्ण भूमिका
गाजीपुर से नाम फाइनल होने में आरएसएस की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रही. संघ ने अपने स्वयंसेवक और विभाग संपर्क प्रमुख रिटायर्ड प्रिंसिपल पारसनाथ राय के नाम को आगे बढ़ाया. 68 वर्षीय पारसनाथ राय की छवि साफ सुथरी रही है. इसके माध्यम से गाजीपुर में ‘अंसारी के बाहुबल बनाम संघ की स्वच्छ छवि’ का मैसेज भी पार्टी देना चाहती है और इसी कड़ी में पारसनाथ राय पर पार्टी ने अंतिम मुहर लगाई.
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FIRST PUBLISHED : April 10, 2024, 21:42 IST