Wmrशुभम मरमट/उज्जैन: आज तक आपने जेल के बारे में सुना होगा कि वहां सलाखों के पीछे कैदी रहते हैं. अब मध्य प्रदेश के उज्जैन मे एक ऐसी जेल बनकर तैयार है जहां कैदी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. इसका नाम खुली जेल रखा गया है. इसमें कैदियों को सलाखों के पीछे नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि वे परिवार के साथ जेल के अंदर बने क्वार्टर में रह सकेंगे. उज्जैन की भेरुगड़ जेल मे गंगा दशहरा पर खुली जेल की शुरुआत हो चुकी है. यह ऐसी जेल बनाई गईं है. जिसमें जिन कैदियों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है और उनका स्वभाव अच्छा है वो खुली जेल में रहेंगे.
सहायता के लिए एक माह का राशन भी फ्री
खुली जेल के कैदियों को एक महीने के जीवन यापन के लिए राशन, गैस सिलेंडर सहित जरूरत की सामग्री भी जेल प्रशासन ने उपलब्ध करवाई है. इसके बाद कैदियों को खुद ही अपना इंतजाम करना होगा. इस खुली जेल मे उज्जैन के कैदी के साथ भोपाल, इंदौर, सागर, सतना के कैदी भी शामिल हैं.
जेल अधीक्षक ने कलेक्टर और कमिश्नर को लिखा पत्र
केंद्रीय भेरूगढ़ जेल के अधीक्षक मनोज साहू ने लोकल 18 को बताया कि ये ऐसे कैदी हैं जिनको धारा 302 के तहत आजीवन कारावास कि सजा हुई है. यह 10 साल सजा और 4 साल माफी सजा मिला कर यह खुली जेल के लिए पात्र हो जाते हैं. ऐसे में यहां 21 कैदी के नाम आ गए हैं. इनमें से कई कैदियों ने अपने परिवार के साथ रहना चालू कर दिया है. उन्होंने बताया कि कलेक्टर, कमिश्नर को इनकी सूची पहुंचा कर निवेदन किया है कि इनको महाकाल मंदिर या किसी अच्छी संस्था में उचित रोजगार मिल जाए जिससे ये अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें.
कैदियों को मिलते हैं कई प्रशिक्षण
जेल अधीक्षक मनोज ने जानकारी दी कि जेल मे कई प्रशिक्षण दिए जाते हैं. जैसे उद्योग प्रशिक्षण, सिलाई प्रशिक्षण, आईटीआई प्रशिक्षण और अन्य प्रशिक्षण. ये ट्रेनिंग इसलिए दी जाती है कि कैदी जेल से सजा पूरी होने के बाद जब रिहा हों तब वह अपने प्रशिक्षण के आधार पर कोई काम करके जीवन यापन कर सकें.
कब से कब तक कैदी होंगे आजाद
जेल अधीक्षक के अनुसार खुले जेल की छूट पाए सभी कैदियों को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुली जेल से बहार जाने कि इजाजत रहेगी. इन पर जेल के अधिकारी निगरानी बनाए रखेंगे. यह कैदी अपने परिवार के पालन पोषण के लिए कोई भी रोजगार कर सकते हैं. अगर यह चाहें तो खुद का फुटकर व्यापार भी कर सकते हैं.
कैदी कर रहे हैं खुली जेल की प्रशंसा
कैदी राम सिंह राठौर ने लोकल 18 को बताया कि जाने-अनजाने में जो पाप हुआ है उसकी सजा हमारी पूरी होने वाली है. राम सिंह ने बताया कि 12 साल से अधिक कि उनकी सजा पूरी हो चुकी है. अब उनकी डेढ़ वर्ष की सजा और बची है. डेढ़ वर्ष कि सजा पूरी होने से पहले ही उन्हें खुली जेल के जरिए अपने परिवार के साथ रहने का मौका मिला है.
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FIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 17:32 IST