IGI Airport: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची एयर इंडिया की फ्लाइट AI-140 में एक ऐसी महिला भी थी, जिसे कड़ी सुरक्षा के बीच इजराइल के तेल अवीवी एयरपोर्ट से लाया गया था. इस महिला पर आरोप है कि इजराइल द्वारा ब्लैक लिस्ट किए जाने के बावजूद उसने तेल अवीव शहर में गैर कानूनी तरीके से घुसने की कोशिश की. एयरपोर्ट पहुंचने के साथ इस संदिग्ध महिला को एयरलाइंस सिक्योरिटी द्वारा इमीग्रेशन ब्यूरो के सुपुर्द कर दिया गया.
वहीं, इमीग्रेशन ब्यूरो के अधिकारियों ने दस्तावेजों की जांच के दौरान पाया कि आरोपी महिला के पास से मिले पासपोर्ट में उसका नाम अंजू छेत्री और पता पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का था. लेकिन, बातचीत के दौरान उसके बोलने की शैली पश्चिम बंगाल की जगह गुजरात से मेल खा रही थी. संदेह होने पर इस महिला के सामान की तलाशी ली गई. तलाशी में एक आधार कार्ड उसके बैग से और दूसरे आधार कार्ड की फोटो उसके मोबाइल फोन से बरामद की गई.
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, दोनों आधार कार्ड में सिर्फ फोटो की समानता थी, बाकी नाम, उम्र, पता, जन्मतिथि सबकुछ अलग था. प्रारंभिक पूछताछ के बाद, इमीग्रेशन ब्यूरो के अधिकारियों ने इस महिला को आगे की जांच और कार्रवाई के लिए एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं, एयरपोर्ट पुलिस ने इसके खिलाफ आईपीसी की धारा 419/420/468/471 और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत मामला दर्ज कर लिया.
जांच में हुई कई चौंकाने वाले खुलासे
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि पूछताछ के दौरान इस महिला ने अपना असली नाम हेतलबेन बताया. यह मूल रूप से गुजरात के आणंद की रहने वाली है. हेतलबेन को इन-एडमिसेबल पैक्स (अस्वीकार्य यात्री) के तौर पर इजराइल के तेल अवीव शहर से डिपोर्ट किया गया था. पूछताछ में हेतलबेन ने कबूल किया कि चूंकि इजराइल की तरफ से उसे प्रतिबंध कर दिया गया था, जिसकी वजह से वह अपने असली दस्तावेजों पर वहां नहीं जा सकती थी.
लिहाजा, इजराइल जाने के लिए उसने फर्जी दस्तावेजों की मदद ली. इन फर्जी दस्तावेजों को बनवाने में रमेश शर्मा नामक एक एजेंट ने उसकी मदद की. रमेश शर्मा ने उसे भरोसा दिलाया कि वह न केवल उसके लिए नया पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज बनवा देगा, बल्कि उसे इजराइल भी पहुंचा देगा. दोनों के बीच छह लाख रुपए में डील तय हुई. रुपए मिलते ही वह हेतलबेन को अपने साथ लेकर पश्चिम बंगाल के बागडोगरा शहर चला गया.
नई पहचान पर रवाना हो गई इजराइल
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि बागडोगरा पहुंचने के बाद हेतल का हुलिया पूरी तरह से बदल दिया गया. इसके बाद, हेतल ने अपने लोगों की मदद से हेतल का नया जन्म प्रमाण पत्र, वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड जारी कराया. इन सभी दस्तावेजों पर पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का पता दर्ज था. फिर, इन्हीं फर्जी दस्तावेजों की मदद से हेतल का नया पासपोर्ट जारी करवाया लिया गया. इसके बाद, हेतल को इजराइल भेजने की तैयारी शुरू हो गई.
उन्होंने बताया कि पूरी व्यवस्था हो जाने के बाद 31 अप्रैल 2024 को हेतल अपनी नई पहचान पर आईजीआई एयरपोर्ट से इजराइल के तेल अवीव शहर के लिए रवाना हो गई. हेतल अपने इस नए ‘खेल’ के जरिए तेल अवीव तक पहुंचने में तो कामयाब हो गई, लेकिन उसके आगे क्या हुआ, हेतल को इजराइल ने क्यूं ब्लैक लिस्ट किया था और क्या है हेतल की पूरी कहानी, जानने के लिए भाभी के कहने पर गुजराती महिला ने दिखाई होशियारी, अब पीछे पड़ गईं इजराइल की सुरक्षा एजेंसियां, जानें पूरा मामला पर क्लिक करें.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 13:53 IST