ऋतु राज/मुजफ्फरपुर. हौसला बुलंद और कुछ करने का जज्बा हो तो बेहतर परिणाम देखने को जरूर मिलते हैं. मुजफ्फरपुर के किसान राहुल कुमार चौधरी भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं. खेती-किसानी में शोध करने के प्रति उनकी ललक ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. वे खेतों में सब्जियों की नई नस्ल विकसित करते रहते हैं.
मूल रूप से बोचहां के किसान राहुल कुमार रात-दिन मेहनत कर खेती-बाड़ी में जुटे हैं. इन दिनों वह इंग्लैंड नस्ल के बंदागोभी की खेती कर चर्चा में हैं. उनका कहना है कि पारंपरिक फसलों की तुलना में इंगलैंड नस्ल के गोभी की खेती में कई गुना ज्यादा मुनाफा है.
गोभी का रंग होता है लाल
किसान राहुल कुमार चौधरी ने लोकल 18 बिहार से बताया कि उन्होंने इस बंदागोभी का ब्रीड इंग्लैंड से ऑनलाइन मंगवाया था. आम बंदागोभी का रंग हरा होता है, लेकिन इसका रंग पूरा लाल होता है. इस गोभी की मुजफ्फरपुर में भी काफी डिमांड है. शहर के कई मॉल में भी उनके इंग्लैंड नस्ल की गोभी की बिक्री होती है. साथ ही सब्जी मंडी भी भेजा जाता है. उन्होंने बताया कि नॉर्मल गोभी 10 रुपए किलो है, तो यह 30 रुपए किलो बिकता है. इसकी खेती भी देसी नस्ल की गोभी की ही तरह की जाती है. राहुल ने इसकी खेती एक एकड़ में की है. एक एकड़ में इसकी खेती में उन्हें 10 हजार खर्च करना पड़ता है. जबकि मुनाफ 60 से 70 हजार तक हो जाता है.
मिल चुका है कई अवार्ड
इनोवेटिव खेती करने के लिए श्री चौधरी को दो बार बेस्ट एग्रीकल्चर परफॉर्मेंस अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है. वे बताते हैं कि उन्होंने मात्र इंटर तक की पढ़ाई की है. खेती करने के साथ-साथ वे एग्रीकल्चर में मास्टर ट्रेनर भी रहे हैं. वर्ष 2002 में मुख्यमंत्री और 2016 में प्रधानमंत्री ने बेस्ट एग्रीकल्चर परफॉर्मेंस अवॉर्ड से नवाजा था.
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FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 21:24 IST