हीट स्ट्रोक में सही समय पर ट्रीटमेंट न मिलने पर 65 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है. हीट स्ट्रोक में मरीज के शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर पहुंच जाता है.
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होता जा रहा है, वैसे-वैसे हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ रहा है. सिर्फ धूप के एक्सपोजर में रहने वाले लोग ही नहीं, इससे खुद को बचाकर रखने वाले लोग भी किसी न किसी गलती की वजह से हीट स्ट्रोक या हीट रिलेटेड इलनेस के शिकार हो रहे हैं. हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को भी डिहाइड्रेशन के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. हीट स्ट्रोक अगर एक बार हो जाए और सही समय पर उपचार न मिले तो करीब 65 फीसदी मामलों में मरीज की मौत हो जाती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हीट स्ट्रोक के लिए आपके कपड़े भी जिम्मेदार हो सकते हैं.
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हीट रिलेटेड बीमारियों में इमरजेंसी कूलिंग और बचाव को लेकर स्टेंडर्ड गाइडलाइंस जारी की गई हैं. इन गाइडलाइंस को बनाने में टीम का नेतृत्व दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर, डॉ. अजय चौहान ने किया है. डॉ. चौहान कहते हैं कि गाइडलाइंस के अनुसार आपके कपड़ों का रंग भी हीट स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार हो सकता है. इसके साथ ही हीट स्ट्रोक से बचने के लिए दो अन्य चीजों का ध्यान रखना भी जरूरी है.
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ये 3 चीजें न करें इग्नोर, बन सकते हैं शिकार…
. गहरे रंग के कपड़े
डॉ. अजय कहते हैं कि हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि आपने कौन से रंग के कपड़े पहने हैं. आपने सूती पहना है या नहीं, इससे बहुत फर्क नहीं पड़ता लेकिन अगर उसका रंग गहरा है तो आपको हीट स्ट्रोक का खतरा होने की संभावना ज्यादा है. ऐसा इसलिए है कि गहरे रंग के कपड़े खासतौर पर काला और लाल रंग सूरज की उष्मा को सीधे अवशोषित करते हैं, जिसकी वजह से गर्मी ज्यादा लगती है. यही वजह है कि सोलर एनर्जी को एब्जॉर्ब करने के लिए काले रंग का इस्तेमाल किया जाता है. अक्सर लोग चिलचिलाती गर्मी में भी काले कपड़े पहनकर घूम रहे होते हैं क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि ये खतरनाक हो सकता है. इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि गर्मी में हल्के रंग के कपड़े जैसे सफेद, आसमानी, हल्का हरा, हल्का गुलाबी आदि पहनना आपको एक्सट्रीम हीट से बचा सकता है.
. पानी तो है लेकिन नमक नहीं
डॉ. चौहान बताते हैं कि गर्मी में ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है. लोगों को भी लगता है कि वे गर्मी में ज्यादा पानी पीते हैं. बहुत सारे लोग एहतियातन भी शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए ज्यादा पानी पीते हैं लेकिन वे एक जरूरी चीज भूल जाते हैं और वह है नमक. गर्मी में पानी के साथ शरीर में नमक की मात्रा भी पर्याप्त होना जरूरी है क्योंकि पसीने के रूप में हमारे शरीर से नमक बाहर चला जाता है. हमारे शरीर से हर घंटे करीब आधा लीटर पसीना निकलता है. वहीं जब कोई एक्सरसाइज या मेहनत की जाती है तो पसीना निकलने की दर दो से 3 लीटर प्रति घंटा भी हो जाती है. जबकि इसके एवज में पानी या नमक की मात्रा शरीर में नहीं पहुंच पाती. इसलिए हीट वेव्स में पानी के साथ अपने आहार में नमक का संतुलन बनाए रखना जरूरी है.
. प्यास को इग्नोर करना
प्यास को इग्नोर करना एक कॉमन चीज है. बहुत सारे लोग प्यास लगने पर किसी काम में उलझे होने पर पानी पीना भूल जाते हैं और कुछ देर बाद प्यास कम भी हो जाती है. प्यास को लोग इसलिए भी इग्नोर कर देते हैं क्योंकि यह भूख की तरह बहुत एक्टिव नहीं होती. हालांकि ये आदत आपके शरीर में पानी की कमी तो करती ही है आपको हीट स्ट्रोक के लिए भी तैयार कर देती है. डॉ. अजय कहते हैं कि इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि गर्मी में हीट एक्जर्शन या हीट स्ट्रोक से बचना है तो प्यास की अनदेखी न करें. उल्टा बिना प्यास के ही हर आधे घंटे या एक घंटे में पानी जरूर पीएं. खुद को ओवर हाइड्रेट कर लें.
क्या होता है हीट स्ट्रोक और उसके लक्षण
हीट स्ट्रोक में मरीज के शरीर का तापमान अचानक 104 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर पहुंच जाता है. मरीज में बेहोशी और गफलत होने लगती है. शरीर तेज गर्म और लाल हो जाता है. मरीज को चक्कर आते हैं, कमजोरी आती है. सरदर्द और थकान होती है. जी मिचलाना, उल्टी आदि होती है. अगर समय पर मरीज को इलाज न दिया जाए तो मरीज की मौत हो सकती है.
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Tags: Actor Shahrukh Khan, Heat stress, Heat Wave, Shahrukh khan, Union health ministry
FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 17:12 IST