आनन-फानन में ममता सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कहा- हुजूर जल्दी सुनवाई कीजिए, फिर जज ने क्या किया?

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले पर उबाल जारी है. केवल भाजपा ही नहीं, अब ममता सरकार और जांच एजेंसियां भी आमने-सामने हैं. इस बीच संदेशखाली मामले पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल की ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और तुरंत सुनवाई की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ तुरंत सुनवाई की मांग पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया. जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि आप रजिस्ट्रार जनरल के पास जाकर आप मामले को मेंशन कर दें. इसके बाद बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं. अभी शाम को 4.30 बजे तक केस पेपर और शाहजहां शेख की कस्टडी सीबीआई को देने को कहा है. अगर हम याचिका दाखिल करेंगे और कल मेंशन करेंगे तो येह अवमानना का केस होगा.

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट
दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले का मामला और टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपी जाए. हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण आचरण के लिए फटकार लगाई और कहा कि आरोपियों को बचाने के लिए जांच में देरी का हर प्रयास किया जा रहा है.

सीबीआई को नहीं मिली हिरासत
हाईकोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध को स्वीकार करने के कुछ ही घंटों के भीतर पश्चिम बंगाल सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन शीर्ष अदालत की पीठ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और उसके वकील से रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष मामले का उल्लेख करने को कहा. इस बीच, सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में लेने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क किया. एजेंसी की एक टीम शेख को हिरासत में लेने के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ कोलकाता स्थित सीआईडी कार्यालय भी पहुंची, लेकिन उसे हिरासत नहीं सौंपी गई. सीआईडी ने कहा कि संदेशखालि के नेता को केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंपा गया, क्योंकि राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की है.

आनन-फानन में ममता सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कहा- हुजूर जल्दी सुनवाई कीजिए, फिर जज ने क्या किया?

हाईकोर्ट जा सकती है ईडी
उच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार शाम साढ़े चार बजे तक उसके निर्देशों का पालन करने का आदेश दिए जाने के तुरंत बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करके जांच अपने हाथ में ले ली. हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने शेख को एजेंसी की टीम को सौंपने से इनकार कर दिया। सीबीआई की टीम भवानी भवन स्थित सीआईडी मुख्यालय पहुंची थी और दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद शाम साढ़े सात बजे शेख को लिए बगैर ही लौट गई. एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शेख की हिरासत सीबीआई को नहीं सौंपने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है.

Tags: High court, Kolkata, Mamata banerjee, Supreme Court, West bengal

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