नई दिल्ली: आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने कमेंट किया, जिससे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने असहमति जताई. उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को अद्वितीय बताते हुए अमेरिका की टिप्पणियों पर कहा कि भारत को कानून के शासन पर किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है.
उपराष्ट्रपति ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के पुनर्निर्मित परिसर के उद्घाटन समारोह में यह टिप्पणी की. यहां आईआईपीए के 70वें संस्थापक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि आज देश में “कानून के समक्ष समानता एक नया आदर्श है” और कानून उन लोगों को जवाबदेह ठहरा रहा है जो खुद को कानून से परे समझते हैं.
उपराष्ट्रपति ने विरोध करने की मंशा पर उठाए सवाल
जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘लेकिन हम क्या देखते हैं? जैसे ही कानून अपना काम करता है, वे सड़कों पर उतर आते हैं, ऊंची आवाज में बहस करते हैं, मानवाधिकारों की सबसे खराब प्रकृति के दोषी को छिपाते हैं. यह हमारी नाक के नीचे हो रहा है.’ भारतीय न्यायपालिका को मजबूत, जन-समर्थक और स्वतंत्र बताते हुए उन्होंने सवाल किया, ‘जब कानून अपना काम करने लगता है तो किसी व्यक्ति या संस्था या संगठन के लिए सड़कों पर उतरने का क्या औचित्य है?’
भ्रष्टाचार अब अवसर नहीं जेल का रास्ता
जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श का आह्वान करते हुए पूछा, ‘कानून के उल्लंघन में शामिल कोई व्यक्ति विक्टिम कार्ड कैसे खेल सकता है?’ यह कहते हुए कि भ्रष्टाचार अब फायदेमंद नहीं है, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, ‘भ्रष्टाचार अब अवसर, रोजगार या अनुबंध का रास्ता नहीं है. यह जेल का रास्ता है. सिस्टम यह सुनिश्चित कर रहा है.’
यूएनएससी सीट के लिए की भारत की वकालत
उपराष्ट्रपति ने भारतीय न्यायपालिका के जन-समर्थक रुख की सराहना करते हुए कहा, ‘यह न्यायपालिका की वह संस्था है जिसने आधी रात को बैठक की, छुट्टी के दिन बैठक की और राहत प्रदान की.’ उन्होंने यूएनएससी सीट के लिए भारत के मामले की वकालत करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र उतना सुरक्षात्मक और प्रभावी नहीं हो सकता, जब तक कि आपके पास भारत जैसे देश का प्रतिनिधित्व न हो, जो सभी स्तरों पर संवैधानिक रूप से गठित लोकतंत्र वाला दुनिया का एकमात्र देश है.’
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FIRST PUBLISHED : March 30, 2024, 03:53 IST