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अब सताएगी महंगाई की असली मार, ऐसा क्या हुआ? UN ने किया आगाह

संयुक्त राष्ट्र. अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर लाल सागर संघर्ष (Red Sea Conflict) के असर के बारे में चेतावनी देते हुए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) व्यापार संस्था अंकटाड (UNCTAD) ने कहा है कि स्वेज नहर के जरिये होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 42 फीसदी की कमी आई है. पिछले दो महीनों के दौरान भारत में ऊर्जा निर्यात प्रभावित हो रहा है. अंकटाड की ट्रेड लॉजिस्टिक्स शाखा के प्रमुख जान हॉफमैन ने गुरुवार को मीडिया से कहा कि ‘हम चिंतित हैं कि लाल सागर के जहाजों पर हमले वैश्विक व्यापार की बाधाओं को बढ़ा रहे हैं.’ उन्होंने महंगाई के खतरे की चेतावनी देते हुए कहा कि लंबी व्यापार दूरी और माल ढुलाई की ऊंची दरों के कारण खाद्य कीमतों पर बड़ा असर पड़ सकता है. क्योंकि जहाज लाल सागर और स्वेज नहर (Suez Canal) से बच रहे हैं.

अंकटाड की ट्रेड लॉजिस्टिक्स शाखा के प्रमुख जान हॉफमैन ने कहा कि अंकटाड के अनुमान के मुताबिक नवंबर से लाल सागर इलाके में जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमलों के कारण स्वेज नहर का उपयोग करने वाले जहाजों में 42 फीसदी की गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि शिपिंग उद्योग की बड़ी कंपनियां स्वेज नहर के उपयोग को अस्थायी रूप से रोक रही हैं, वे दूसरे रास्तों की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूरोप से भारत को कुछ ऊर्जा निर्यात स्वेज नहर के जरिये होता है.

स्वेज नहर से दुनिया का 12 से 15 फीसदी व्यापार
स्वेज नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है. यह एशिया और पूर्वी अफ्रीका को यूरोप और उससे आगे जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है और पिछले साल दुनिया के व्यापार का लगभग 12 से 15 फीसदी संभाला था. लाल सागर और स्वेज नहर से बचने के लिए जहाजों को अफ्रीका के दक्षिणी सिरे पर केप ऑफ गुड होप के आसपास जाना पड़ता है. हॉफमैन ने कहा कि लाल सागर संकट पनामा नहर और काला सागर की समस्याओं से अधिक गंभीर है.

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सूखे से पनामा नहर में पानी घटा
जबकि काला सागर, यूक्रेन से खाद्यान्न निर्यात का एक प्रमुख रास्ता है, जो युद्ध से प्रभावित हुआ है. वहीं पनामा नहर जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्याओं से प्रभावित हुई है. सूखे के कारण नहर में पानी दशकों में सबसे निचले स्तर पर आ गया है, इससे इसे पार करने वाले जहाजों की संख्या और आकार कम हो गए हैं. हॉफमैन ने कहा कि प्रमुख वैश्विक व्यापार मार्गों में व्यवधान के कारण पहले से ही ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि हुई है.

Tags: Economy, Inflation, Suez Canal, United nations

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