शशिकांत ओझा/पलामू. गर्मी का मौसम आते ही जानवर के लिए सबसे बड़ी समस्या पानी की होती है. पलामू जिला हमेशा से सुखाड़ प्रभावित जिला रहा है. गर्मी के मौसम में सभी जल स्रोत सूखने लगते हैं. जिससे जंगली जानवर पानी की तलाश में आबादी वाले इलाके में रुख करते हैं. जिससे ग्रामीणों और जानवर दोनों के लिए समस्या होती है. गर्मी के मौसम में जंगली जानवरों को पानी के लिए इधर उधर न भटकना पड़े, इसे लेकर खास तैयारी की जा रही है.
झारखंड का इकलौता खुला पार्क बेतला नेशनल पार्क है. जहां गर्मी के मौसम में प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगते हैं. डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना ने बताया कि गर्मी के मौसम में जंगली जानवरों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था के लिए पार्क के अंदर सीमेंटेड वाटर ट्रप्स बनाए गए हैं. जिसमें टैंकर से पानी भरा जाता है, ताकि जंगली जानवरों को पानी मिल सके.
सोलर मोटर से 24 घंटे चलता है पानी
उन्होंने बताया कि पिछले साल से नई तकनीक की शुरुआत की गई है. जिसमें सोलर पंप लगाया गया है. जिससे 24 घंटे वाटर ट्रप्स और प्राकृतिक जल स्रोत में पानी भरा जाता है. अब तक 20 सोलर ऑपरेटेड पंप लगाए गए हैं, जिससे जंगली जानवरों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने बताया कि इस तकनीक के लगने के बाद से जंगली जानवरों को राहत मिली है. यूं तो ये पूरा वाइल्ड लाइफ एरिया है. जिसे बॉन्ड्री में कैद नहीं किया जा सकता और न ही ग्रामीण क्षेत्र में जंगली जानवरों को जाने से रोका जा सकता है, लेकिन वन विभाग का पूरा प्रयास है कि जंगली जानवरों को सारी सुविधाएं जंगल में ही उपलब्ध कराई जाएं, ताकि उन्हें आबादी वाले इलाके में जाने की जरूरत ना पड़े.
चेकडैम बनाए जाएंगे नए
उन्होंने बताया कि इस बार गर्मी के मौसम में पानी की समुचित सुविधा के लिए कच्चे चेकडैमों को पक्का बनाया जाएगा, ताकि बेतला के जंगल में जंगली जानवरों के पानी के जल स्रोत हर जगह मिलते हैं. उन्हें पानी के लिए इधर उधर भटकना न पड़े. इसके साथ साथ प्राकृतिक जल स्रोत में टैंकर से पानी भरा जाएगा. इस बार पानी की कमी न हो इसके लिए नए टैंकर भी मंगाए जा रहे हैं.
शाकाहारी जीवों के लिए ग्रासलैंड पर होगा काम
उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में ग्रास लैंड सूखने लगते हैं. जिससे शाकाहारी जीवों को भोजन नहीं मिल पाता. इस बार शाकाहारी जीव जंतुओं के भोजन के लिए वाइल्ड लाइफ एरिया में ग्रास लैंड पर काम किया जायेगा. टैंकर से ग्रास लैंड एरिया का पटवन किया जायेगा. जिससे ग्रास लैंड में बढ़ोतरी हो सके. ग्रास लैंड एरिया पर सिंचाई होने से शाकाहारी जीव जंतुओं को भोजन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
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FIRST PUBLISHED : April 3, 2024, 21:31 IST