अनिल विज की नाराजगी – ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग से दूरी और अनशन की चेतावनी
हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज अपनी ही सरकार से नाराज हो गए हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि अब वे ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि उनकी दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया जाता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तरह अनशन करने को भी तैयार हैं।
कुछ दिन पहले अनिल विज ने अंबाला कैंट सदर थाने के SHO को सस्पेंड करने का आदेश दिया था, लेकिन SHO अभी भी तैनात है। विज के करीबी सूत्रों के अनुसार, यह फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई है, और गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री नायब सैनी के अधीन है।
अनिल विज ने अंबाला में मीडिया से कहा, “अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि इस मीटिंग में जारी आदेशों का पालन नहीं होता। ऐसी बैठकों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है, जब अधिकारी आदेशों का पालन न करें।”
उन्होंने आगे कहा, “बाकी हरियाणा का तो मुझे नहीं पता, लेकिन अंबाला की जनता के हकों के लिए मैं लड़ता रहूंगा। अगर हमें आंदोलन भी करना पड़ा तो मैं इसके लिए तैयार हूं।”
अनिल विज ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का उदाहरण देते हुए कहा, “अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं भी अनशन करने के लिए तैयार हूं, जैसे डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं।”
विज की नाराजगी का कारण एक महिला की शिकायत भी है, जो एक महीने पहले अनिल विज के जनता दरबार में आई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी FIR दर्ज नहीं की जा रही थी और SHO सतीश कुमार दूसरी पार्टी को बढ़ावा दे रहे थे। इस शिकायत के बाद विज भड़क गए थे, क्योंकि उनके आदेशों का पालन नहीं हो रहा था।
विज अपने गृह जिले अंबाला में ही इस तरह की स्थिति से आहत हैं। राजनीतिक तौर पर भी उनकी किरकिरी हो रही है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अपनी जनता के हकों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
अनिल विज की यह नाराजगी और ग्रीवेंस कमेटी से दूरी की घोषणा हरियाणा की राअनिल विज की नाराजगी – ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग से दूरी और अनशन की चेतावनी
हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज अपनी ही सरकार से नाराज हो गए हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि अब वे ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि उनकी दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया जाता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तरह अनशन करने को भी तैयार हैं।
कुछ दिन पहले अनिल विज ने अंबाला कैंट सदर थाने के SHO को सस्पेंड करने का आदेश दिया था, लेकिन SHO अभी भी तैनात है। विज के करीबी सूत्रों के अनुसार, यह फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई है, और गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री नायब सैनी के अधीन है।
अनिल विज ने अंबाला में मीडिया से कहा, “अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि इस मीटिंग में जारी आदेशों का पालन नहीं होता। ऐसी बैठकों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है, जब अधिकारी आदेशों का पालन न करें।”
उन्होंने आगे कहा, “बाकी हरियाणा का तो मुझे नहीं पता, लेकिन अंबाला की जनता के हकों के लिए मैं लड़ता रहूंगा। अगर हमें आंदोलन भी करना पड़ा तो मैं इसके लिए तैयार हूं।”
अनिल विज ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का उदाहरण देते हुए कहा, “अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं भी अनशन करने के लिए तैयार हूं, जैसे डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं।”
विज की नाराजगी का कारण एक महिला की शिकायत भी है, जो एक महीने पहले अनिल विज के जनता दरबार में आई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी FIR दर्ज नहीं की जा रही थी और SHO सतीश कुमार दूसरी पार्टी को बढ़ावा दे रहे थे। इस शिकायत के बाद विज भड़क गए थे, क्योंकि उनके आदेशों का पालन नहीं हो रहा था।
विज अपने गृह जिले अंबाला में ही इस तरह की स्थिति से आहत हैं। राजनीतिक तौर पर भी उनकी किरकिरी हो रही है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अपनी जनता के हकों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
अनिल विज की यह नाराजगी और ग्रीवेंस कमेटी से दूरी की घोषणा हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। इस स्थिति को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या उनकी यह नाराजगी पार्टी और सरकार के लिए समस्याएं खड़ी कर सकती है?
“क्या अनिल विज अपनी पार्टी और सरकार से नाराजगी दूर कर पाएंगे?”
“विज की नाराजगी ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है।”अनिल विज की नाराजगी – ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग से दूरी और अनशन की चेतावनी
हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज अपनी ही सरकार से नाराज हो गए हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि अब वे ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि उनकी दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया जाता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तरह अनशन करने को भी तैयार हैं।
कुछ दिन पहले अनिल विज ने अंबाला कैंट सदर थाने के SHO को सस्पेंड करने का आदेश दिया था, लेकिन SHO अभी भी तैनात है। विज के करीबी सूत्रों के अनुसार, यह फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई है, और गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री नायब सैनी के अधीन है।
अनिल विज ने अंबाला में मीडिया से कहा, “अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि इस मीटिंग में जारी आदेशों का पालन नहीं होता। ऐसी बैठकों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है, जब अधिकारी आदेशों का पालन न करें।”
उन्होंने आगे कहा, “बाकी हरियाणा का तो मुझे नहीं पता, लेकिन अंबाला की जनता के हकों के लिए मैं लड़ता रहूंगा। अगर हमें आंदोलन भी करना पड़ा तो मैं इसके लिए तैयार हूं।”
अनिल विज ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का उदाहरण देते हुए कहा, “अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं भी अनशन करने के लिए तैयार हूं, जैसे डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं।”
विज की नाराजगी का कारण एक महिला की शिकायत भी है, जो एक महीने पहले अनिल विज के जनता दरबार में आई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी FIR दर्ज नहीं की जा रही थी और SHO सतीश कुमार दूसरी पार्टी को बढ़ावा दे रहे थे। इस शिकायत के बाद विज भड़क गए थे, क्योंकि उनके आदेशों का पालन नहीं हो रहा था।
विज अपने गृह जिले अंबाला में ही इस तरह की स्थिति से आहत हैं। राजनीतिक तौर पर भी उनकी किरकिरी हो रही है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अपनी जनता के हकों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
अनिल विज की यह नाराजगी और ग्रीवेंस कमेटी से दूरी की घोषणा हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। इस स्थिति को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या उनकी यह नाराजगी पार्टी और सरकार के लिए समस्याएं खड़ी कर सकती है?
“क्या अनिल विज अपनी पार्टी और सरकार से नाराजगी दूर कर पाएंगे?”
“विज की नाराजगी ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है।”अनिल विज की नाराजगी – ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग से दूरी और अनशन की चेतावनी
हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज अपनी ही सरकार से नाराज हो गए हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि अब वे ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि उनकी दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया जाता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तरह अनशन करने को भी तैयार हैं।
कुछ दिन पहले अनिल विज ने अंबाला कैंट सदर थाने के SHO को सस्पेंड करने का आदेश दिया था, लेकिन SHO अभी भी तैनात है। विज के करीबी सूत्रों के अनुसार, यह फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई है, और गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री नायब सैनी के अधीन है।
अनिल विज ने अंबाला में मीडिया से कहा, “अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि इस मीटिंग में जारी आदेशों का पालन नहीं होता। ऐसी बैठकों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है, जब अधिकारी आदेशों का पालन न करें।”
उन्होंने आगे कहा, “बाकी हरियाणा का तो मुझे नहीं पता, लेकिन अंबाला की जनता के हकों के लिए मैं लड़ता रहूंगा। अगर हमें आंदोलन भी करना पड़ा तो मैं इसके लिए तैयार हूं।”
अनिल विज ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का उदाहरण देते हुए कहा, “अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं भी अनशन करने के लिए तैयार हूं, जैसे डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं।”
विज की नाराजगी का कारण एक महिला की शिकायत भी है, जो एक महीने पहले अनिल विज के जनता दरबार में आई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी FIR दर्ज नहीं की जा रही थी और SHO सतीश कुमार दूसरी पार्टी को बढ़ावा दे रहे थे। इस शिकायत के बाद विज भड़क गए थे, क्योंकि उनके आदेशों का पालन नहीं हो रहा था।
विज अपने गृह जिले अंबाला में ही इस तरह की स्थिति से आहत हैं। राजनीतिक तौर पर भी उनकी किरकिरी हो रही है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अपनी जनता के हकों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
अनिल विज की यह नाराजगी और ग्रीवेंस कमेटी से दूरी की घोषणा हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। इस स्थिति को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या उनकी यह नाराजगी पार्टी और सरकार के लिए समस्याएं खड़ी कर सकती है?
“क्या अनिल विज अपनी पार्टी और सरकार से नाराजगी दूर कर पाएंगे?”
“विज की नाराजगी ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है।”अनिल विज की नाराजगी – ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग से दूरी और अनशन की चेतावनी
हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज अपनी ही सरकार से नाराज हो गए हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि अब वे ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि उनकी दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया जाता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तरह अनशन करने को भी तैयार हैं।
कुछ दिन पहले अनिल विज ने अंबाला कैंट सदर थाने के SHO को सस्पेंड करने का आदेश दिया था, लेकिन SHO अभी भी तैनात है। विज के करीबी सूत्रों के अनुसार, यह फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई है, और गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री नायब सैनी के अधीन है।
अनिल विज ने अंबाला में मीडिया से कहा, “अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि इस मीटिंग में जारी आदेशों का पालन नहीं होता। ऐसी बैठकों में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है, जब अधिकारी आदेशों का पालन न करें।”
उन्होंने आगे कहा, “बाकी हरियाणा का तो मुझे नहीं पता, लेकिन अंबाला की जनता के हकों के लिए मैं लड़ता रहूंगा। अगर हमें आंदोलन भी करना पड़ा तो मैं इसके लिए तैयार हूं।”
अनिल विज ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का उदाहरण देते हुए कहा, “अगर आवश्यकता पड़ी तो मैं भी अनशन करने के लिए तैयार हूं, जैसे डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं।”
विज की नाराजगी का कारण एक महिला की शिकायत भी है, जो एक महीने पहले अनिल विज के जनता दरबार में आई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी FIR दर्ज नहीं की जा रही थी और SHO सतीश कुमार दूसरी पार्टी को बढ़ावा दे रहे थे। इस शिकायत के बाद विज भड़क गए थे, क्योंकि उनके आदेशों का पालन नहीं हो रहा था।
विज अपने गृह जिले अंबाला में ही इस तरह की स्थिति से आहत हैं। राजनीतिक तौर पर भी उनकी किरकिरी हो रही है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अपनी जनता के हकों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
अनिल विज की यह नाराजगी और ग्रीवेंस कमेटी से दूरी की घोषणा हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। इस स्थिति को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या उनकी यह नाराजगी पार्टी और सरकार के लिए समस्याएं खड़ी कर सकती है?
“क्या अनिल विज अपनी पार्टी और सरकार से नाराजगी दूर कर पाएंगे?”
“विज की नाराजगी ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है।”जनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। इस स्थिति को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या उनकी यह नाराजगी पार्टी और सरकार के लिए समस्याएं खड़ी कर सकती है?
“क्या अनिल विज अपनी पार्टी और सरकार से नाराजगी दूर कर पाएंगे?”
“विज की नाराजगी ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है।”