होनहार छात्रा संजना कुशवाहा सुसाइड मामले में अब सियासत तेज हो गई हैस्कालरशिप के इन्तजार में छात्रा संजना कुशवाहा की आत्महत्या कई सवाल खड़े कर रही है
झांसी. यूपी के झांसी की होनहार छात्रा संजना कुशवाहा सुसाइड मामले में अब सियासत तेज हो गई है. पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति का इंतजार करते-करते जब उम्मीद की अंतिम आस टूट गई तो छात्रा संजना कुशवाहा को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ गया. झांसी के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियो के साथ-साथ सिस्टम से हारी छात्रा को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. अब इस मामले में यूपी की बीजेपी सरकार को इंडिया गठबंधन ने घेरना शुरू कर दिया है.
कांग्रेस ने मृतक छात्रा के परिजनों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने बाद अब समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश पर मृतक छात्रा के परिजनों से मुलाकत करने बुधवार को पहुंच रहा है. बता दें कि गत गुरुवार को छात्रा ने घर के बाहर जामुन के पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें स्कॉलरशिप न मिलने से परेशान होने की बात लिखी है.
संजना की मौत ने सिस्टम में मौजूद खामी को उजागर किया है, साथी ही अफसरों संवेदनहीनता भी साफ़ देखने को मिल रही है. पढ़ने में मेधावी संजना अधिकारियों के चक्कर-काट-काट कर इतनी परेशान हो गई कि उसे यह कदम उठाना पड़ा. उसने अपने सुसाइड नोट में भी इस बात का जिक्र करते लिखा, ‘मैं यह नोट इसलिए लिख रही हूं ताकि पता चल सके कि मैंने यह कदम क्यों उठाया. मेरी स्कॉलरशिप 28 हजार रुपये आनी थी, मगर नहीं आई. कॉलेज में सबकी आ चुकी है. इसके लिए विकास भवन तक हो आई. उन्होंने बोला तुम्हारे आधार कार्ड की फीडिंग नहीं है. बैंक वालों ने कहा आधार की फीडिंग पहले से ही है.”
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी केपी सिंह का कहना है कि छात्रा की स्कालरशिप छात्रवृत्ति विभाग या निदेशालय स्तर से नहीं रोकी गई थी. संजना ने खुद ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसके बाद फॉर्म को विश्वविद्यालय स्तर से चेक कर उच्च शिक्षाधिकारी के पास भेज दिया गया था.जहां से समयवधि में ही पैसा बैंक को भेज दी गई थी, लेकिन आधार डी-फीड होने की वजह से ट्रांजैक्शन कैंसिल हो गया और राशि वापस हो गई.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 09:10 IST