चंडीगढ़ के मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सकेगी। कुलदीप कुमार की याचिका और उनकी चिंता सही प्रतीत होती है, खासकर जब पिछली बार हुए चुनाव में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे। कोर्ट ने रिटायर्ड जज को पर्यवेक्षक नियुक्त करके इस बार चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करने का फैसला लिया है, जो निश्चय ही चुनाव के निष्पक्ष होने में मदद करेगा।
यह मामला उस चुनाव अधिकारी की गड़बड़ी से जुड़ा है, जिसने जानबूझकर कुछ वोटों को अमान्य कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर ध्यान देने और पुनः मतगणना का आदेश देने से AAP को न्याय मिला था। अब, आगामी मेयर चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि किस पार्टी के उम्मीदवार चुनाव जीतते हैं, खासकर जब AAP और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं और BJP भी अपनी पूरी ताकत लगा रही है।
आपको क्या लगता है, इस बार चुनाव में क्या कोई और विवाद हो सकता है, या इस बार प्रक्रिया में सुधार से निष्पक्षता बनी रहेगी?