रोहतक में फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी पाने की धोखाधड़ी, जेबीटी टीचर के खिलाफ मामला दर्ज
यह मामला एक गंभीर धोखाधड़ी का प्रतीक है, जिसमें एक व्यक्ति ने फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ उठाया। सुनील कुमार ने किस तरह से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर अपनी नौकरी हासिल की और इसके लिए केवल 25 रूपए की फीस जमा की, यह दिखाता है कि कैसे कुछ लोग गलत तरीके से सरकारी लाभ प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
शिकायतकर्ता सुनीता शर्मा और अन्य दस्तावेजों से यह स्पष्ट होता है कि सुनील कुमार ने जानबूझकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। उसकी फर्जी जाति प्रमाण पत्र से जेबीटी कोर्स में दाखिला प्राप्त करने और नौकरी पाने का मामला गंभीर है, और इससे शिक्षा विभाग की निष्कलंकता पर सवाल उठते हैं।
अगर यह मामला पूरी तरह से साबित होता है, तो यह केवल आरोपी के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी हो सकती है कि इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा, विभागीय कार्रवाई की संभावना के साथ, सुनील कुमार के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि दूसरों के लिए भी यह एक उदाहरण बने कि समाज में अनुशासन और ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण है।
इस मामले में पुलिस द्वारा किए गए गहन जांच और एससीईआरटी द्वारा की गई जांच ने धोखाधड़ी को सामने लाया, जिससे इस पूरे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।