मेरठ. खटाई शब्द का जहां भी उपयोग हो तो लोग इसे खट्टे से जोड़ते हुए देखते हैं क्योंकि आपको ठेले पर विभिन्न प्रकार की ऐसी वैरायटी मिलेगी, जिसमें खटाई का उपयोग किया जाता है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खटाई के बारे में बताएंगे, जो खाने में खट्टी नहीं बल्कि मीठी होती है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में उसकी दीवानगी देखने को मिलती है. जी हां हम बात कर रहे हैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में बनने वाली नानखटाई की, जो क्वालिटी के तौर पर आज भी देशभर में विशेष पहचान रखती है.
नानखटाई के प्रति दीवानगी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि ऐतिहासिक नौचंदी मेले में नानखटाई विशेष रूप से मिलती है. मेला प्रेमी अपने घर के लिए नानखटाई की खरीदारी करते हुए दिखाई देते हैं. यही नहीं, राजनीतिक गलियारों में भी नानखटाई को काफी पसंद किया जाता है. ऐसे में राजनेता गर्मी के मौसम में दिल्ली, लखनऊ की तरफ जब भी जाते हैं, तो मेरठ से नानखटाई खासतौर पर लेकर जाते हैं क्योंकि इस अनोखी मिठाई की बात की जाए, तो यह बिल्कुल बिस्किट के समान होती है.
इस तरह तैयार होती है नानखटाई
मेरठ में नानखटाई के व्यापारी संदीप रेवड़ी ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि नान खटाई की बात करें, तो बेसन, मूंग की दाल, सूजी और खरबूजे के बीज से नानखटाई को तैयार किया जाता है. नानखटाई तैयार करने के लिए लगभग 5 से 6 कारीगरों को निरंतर कार्य करना पड़ता है. उसके बाद कोयला या कुछ स्थानों पर गैस की भट्टी पर नानखटाई को पकाया जाता है. तब जाकर यह तैयार होती है. इसके रेट की बात की जाए, तो 300 रुपये प्रति किलो से इसकी शुरुआत होती है.
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FIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 16:28 IST