अनंत कुमार/गुमला: बरसात के सीजन में आपने वज्रपात या आकाशीय बिजली की घटनाएं अधिकतर सुनी होंगी. इन घटनाओं में कई बार लोगों के घर गिर जाते हैं तो कई बार इंसान और जानवर इसके शिकार हो जाते हैं. हालांकि, कहते हैं कि पेड़ों के आसपास वज्रपात की आशंका ज्यादा रहती है. झारखंड का गुमला भी ऐसा इलाका है जहां बरसात आते ही वज्रपात की घटनाएं बढ़ जाती हैं. तो चलिए आज आपको बताते हैं कि वज्रपात या बिजली गिरने की घटना क्या है और इसकी वजह और बचाव के उपाय क्या हैं.
वर्षा ऋतु का आगमन हो चुका है और बारिश भी शुरू हो चुकी है. गुमला जिला आदिवासी बहुल और पहाड़ी इलाका है. यह घने पेड़ पौधों, जंगलों, नदी और तालाबों से भरा हुआ है. गुमला में चारों ओर घना जंगल का क्षेत्र ज़्यादा है, जो आकाशीय बिजली को अपनी ओर आकर्षित करता है. इस क्षेत्र में बॉक्साइट और लैटेराइट खनिज ज़्यादा है जो वज्रपात के लिए अच्छे कंडक्टर का काम करता है. इसके साथ ही ग्लोबल वार्मिंग भी वज्रपात का एक बड़ा कारण है. यही वजह हैं जिससे बरसात के मौसम में गुमला जिले में वज्रपात की घटनाएं बढ़ जाती हैं. इससे लोगों को आर्थिक नुकसान तो होती ही है साथ ही साथ हर साल सैंकड़ों मवेशियों और लोगों की मौत भी हो जाती है.
यहां के लोगों का मुख्य पेशा कृषि है और यहां की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में बरसात आते ही लोग खेती के काम में लग जाते हैं. ज्यादातर लोग खेत में काम के दौरान या अन्य कार्य करते हुए वज्रपात के शिकार हो जाते हैं.
खेतों से हट जाएं
अगर खेत में काम करने के दौरान पानी आ रहा है और बिजली कड़क रही है तो खुले आसमान में ना रहें. खेतों में तो बिल्कुल भी न रहें क्योंकि खेत में पानी रहता है और ऐसे में बिजली गिरने की संभावना ज्यादा रहती है. नंगे पैर ना चले. ऊंचे और घने वृक्ष के नीचे शरण न लें. अगर संभव हो तो तुरंत पक्के मकान में चले जाएं जिससे वज्रपात से बचा जा सके.
गुमला के सिविल सर्जन डॉक्टर राजू कच्छप ने लोकल 18 को बताया कि अब बरसात का आगमन हो चुका है. बिजली-पानी भी आना शुरू हो गया है और साथ में बिजली कड़कना और बादल का गरजना भी शुरू हो चुका है. ऐसे में लोग आकाशीय बिजली के शिकार न हों उससे बचाव के लिए कुछ बातों को अमल करने की जरूरत है. जान लीजिए किन बातों का ध्यान रखना है.
बिजली कड़क रही हो तो ना करें ये काम
अगर बारिश हो रही है, बिजली कड़क रही है तो उस समय पेड़ के नीचे ना रहें. अगल-बगल यदि ट्रांसफार्मर है तो उसके नीचे या अगल-बगल भी ना रहें. अगर बिजली का तार कहीं आसपास से गुजरा है तो उधर भी ना रहें. आकाशीय बिजली हो रही है तो कोई सीमेंटेड घर या बिल्डिंग अगर आप पास है तो उसमें जाकर के आश्रय लें. यदि आप गाड़ी चला रहे हैं या कोई ड्राइवर गाड़ी चला रहे हैं तो जब तक थंडरिंग हो रहा है तब तक वाहन रोक लें और थंडरिंग खत्म होने के बाद अपनी यात्रा शुरू करें.
आकाशीय बिजली में बहुत ज्यादा वोल्ट रहता है. अगर नजदीक से भी किसी को अपने चपेट में ले ले तो आदमी का बचना भी मुश्किल हो जाता है. व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं और मृत्यु तक हो जाती है. अगर आकाशीय बिजली से कोई घायल हो गया है तो ऐसे लोगों को तत्काल अस्पताल ले जाएं.
आकाशीय बिजली से मौत होने पर मुआवजा के लिए जरूर कर लें ये काम
डॉक्टर राजू ने बताया कि गुमला के लोग ऐसी घटना के वक्त अपने पास के सीएचसी जा सकते हैं और अगर वहां इलाज संभव नहीं है तो सदर अस्पताल गुमला में उनका इलाज किया जाएगा. दुर्भाग्यवश अगर आकाशीय बिजली से किसी की मौत हो जाती है तो ऐसे में आपदा प्रबंधन की ओर से उसके परिवार को 4 लाख रुपए तक की मुआवजा राशि प्रदान की जाती है. इसमें यह ध्यान देने की बात है कि पीड़ित व्यक्ति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सबसे जरूरी है. यदि किसी की आपदा से मृत्यु होती है तो पोस्टमार्टम अवश्य कराएं क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट जब जमा होगा तब उसका लाभ उसके परिजनों को मिल पाएगा.
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FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 16:44 IST