सिंहभूम की सियासत में आयरन लेडी के रूप में स्थापित हुईं जोबा मांझी. विधायक रहे पति देवेंद्र मांझी की हत्या के बाद राजनीति में किया था प्रवेश. 5 बार विधायक बनीं और मंत्री भी रहीं, सिंहभूम की दूसरी महिला MP बनीं.
रूपेश कुमार प्रधान/सिंहभूम. झारखंड की सिंहभूम लोकसभा सीट से डेढ़ लाख से अधिक मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज कर जोबा मांझी यहां की नई सांसद चुनी गई हैं. जोबा मांझी ने भारतीय जनता पार्टी की गीता कोड़ा को एक लाख अड़सठ हजार से भी अधिक मतों से पराजित किया. जोबा मांझी के राजनीतिक सफर की बात करें तो 14 अक्टूबर 1994 को गोईलकेरा हाट में जब चक्रधरपुर और मनोहरपुर के विधायक रह चुके जल, जंगल व जमीन आंदोलन के प्रणेता देवेंद्र मांझी की हत्या हुई थी. उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि उनकी पत्नी जोबा मांझी न केवल अपने पति के सपनों को साकार करने में सफल होंगी, बल्कि राजनीति में स्वयं को स्थापित करते हुए सिंहभूम की आयरन लेडी बन जाएंगी.
मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से पांच टर्म विधायक और छह बार कैबिनेट मंत्री का पद संभालने के बाद अब जोबा मांझी सिंहभूम की दूसरी महिला सांसद भी बन गई हैं. राजनीति के शिखर तक पहुंचने के लिए जोबा मांझी ने जो संघर्ष किया वह सियासत में महिलाओं की सशक्त भागीदारी की मिसाल है. साल 1995 में अविभाजित बिहार में जोबा मांझी पहली बार मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनीं गई थीं. इसके बाद उन्होनें पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे बिहार में राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बनाई गईं. झारखंड गठन के बाद बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा, शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन सरकार में भी उन्हें मंत्री बनाया गया. उनकी पहचान निर्विवाद और बेदाग छवि के नेता के रूप में रही है.
सादगी और सरल स्वभाव जोबा की पहचान
जोबा मांझी की सादगी का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि पति देवेंद्र मांझी के विधायक रहते वह चक्रधरपुर के इतवारी बाजार में सब्जी बेचा करती थीं. आज भी राजनीति के शिखर पर पहुंचने और तमाम व्यस्तता के बीच समय निकाल कर वे न केवल घरों का काम करती हैं, बल्कि अपने खेतों में भी एक आम किसान की तरह खेती-बारी का का करते देखी जाती हैं. आम जीवन में सादगी और लोगों के साथ मुलाकात के दौरान सरलता से पेश आना ही उसकी असली पहचान बन चुकी है.
जोबा की जीत में बड़े बेटे का खास योगदान
ऐसे तो जोबा मांझी के राजनीतिक जीवन का यह सातवां चुनाव था, लेकिन पहली बार लोकसभा चुनाव का सामना कर रही जोबा मांझी के लिए उनके बड़े पुत्र जगत मांझी ने अच्छा साथ दिया. जोबा मांझी के चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण पुत्र जगत मांझी ने पूरे इलेक्शन मैनेजमेंट की कमान अपने हाथों में ले रखी थी और इसमें वह सफल भी रहे. बूथ मैनेजमेंट से लेकर सभी प्रखंडों में कार्यालय खोलने, स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम को सफल बनाने, नामांकन और रैलियों में भीड़ जुटाने से लेकर कार्यकर्ता और समर्थकों की जरूरतों को पूरा करने में अपनी परिपक्वता साबित कर उन्होंने उत्तराधिकारी होने का दावेदारी भी प्रस्तुत कर दी है. ऐसे जगत से छोटे उदय मांझी और बबलू मांझी ने भी लगातार क्षेत्रों में प्रचार कर अपनी मां के कैम्पेनिंग को मजबूती प्रदान की.
FIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 20:03 IST