” दिल की देखरेख ” में फिसड्डी देहरादून का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा विभाग

हिना आज़मी/ देहरादून. बदलते लाइफस्टाइल और खानपान के कारण लोगों में हृदय रोग का खतरा बढ़ता जा रहा है. कामकाज के बढ़ते बोझ और खाने की गलत आदतें लोगों को हृदय रोग का शिकार बना रही हैं. ऐसे में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिर्फ एक हृदय रोग विशेषज्ञ के सहारे अस्पताल चल रहा है. अस्पताल में जुलाई 2023 में शुरू की गई कैथलैब भी स्टाफ की कमी के चलते ठीक से नहीं चल पा रही है.

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि दून अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाने के लिए लगातार अस्पताल प्रशासन कोशिश कर रहा है . यहां सिर्फ देहरादून ही नहीं बल्कि पहाड़ी इलाकों से भी मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं. दिन प्रतिदिन अस्पताल में नई-नई सुविधाओं पर काम किया जा रहा है. हालांकि दोनों अस्पताल में सिर्फ एक ही हृदय रोग विशेषज्ञ है जिनके नेतृत्व में 2 से 3 जूनियर डॉक्टर की टीम काम कर रही है.

आचार संहिता के कारण लटकी नियुक्ति
डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कि देहरादून का सिर्फ एक मात्र सरकारी अस्पताल दून ही है जहां कैथलैब बनाई गई है. हालांकि स्टाफ की कमी के चलते थोड़ी दिक्कत यहां हो रही थी. आचार संहिता के चलते यहां स्टाफ की नियुक्ति अटकी पड़ी है. जल्द ही कैथलैब में भी पर्याप्त स्टाफ होगा. हालांकि कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट से जुड़ी टीम बड़ी निष्ठा के साथ काम मे जुटी रहती है. यहां आईसीयू, मैमोग्राफी यूनिट और डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन जैसी महंगी मेडिकल सुविधाएं भी लोगों को मिल रही है. आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए निशुल्क एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी जैसी सुविधाएं मरीजों को मिल रही हैं.

सप्ताह में 3 दिन होती है ओपीडी
दून अस्पताल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय ने कहा कि अस्पताल में सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को ओपीडी होती है. जिसमें औसतन 50 मरीजों को देखा जाता है. वहीं अगर कैथलैब की बात करें तो यहां हर महीने लगभग 50 मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी होती है.

कार्डियक अरेस्ट के मुख्य कारण
डॉ. अमर उपाध्याय ने बताया कि आजकल के खराब लाइफस्टाइल और खानपान से लोगों के स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ रहा है. इन दिनों जिस तरह से लोगों को कार्डियक अरेस्ट देखने के लिए मिल रहे हैं, इसके पीछे मरीज की कोई और बीमारी या अनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं. इसलिए खानपान का विशेष ध्यान रखें और नशे आदि से परहेज करें.

Tags: Dehradun news, Local18, Uttarakhand news

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