दशहरी पर भारी पड़ रहे हैं ये स्पेशल वैरायटी वाले आम, देश से विदेश तक बढ़ी डिमांड

लखनऊ/अंजलि सिंह राजपूत: उत्तर प्रदेश में काफी ज्यादा पसंद किए जाने वाले दशहरी आम के अस्तित्व पर अब संकट मंडराने लगा है. अब इसके स्वाद पर कई नई वैरायटी के रंगीन आम भारी पड़ने वाले हैं. नई वैरायटी के इन रंगीन आम को सिर्फ देश नहीं बल्कि विदेशों तक पसंद किया जा रहा है. लोग इनके स्वाद के दीवाने हो रहे हैं. यही वजह है कि मलिहाबाद की बेल्ट जहां दशहरी आम का जन्म हुआ वहां पर भी अब किसान और बागवान दशहरी आम के बाग को हटाकर रंगीन आम लगा रहे हैं. इन रंगीन आम में सेंसेशन, लंगड़ा, चौसा, टॉमी एटकिन्स, मल्लिका, अरूणिका और अंबिका जैसे आम हैं.

टिकाऊ होते हैं ये आम
सेंसेशन, लंगड़ा, चौसा, टॉमी एटकिन्स, मल्लिका, अरूणिका और अंबिका जैसे आम इसलिए दशहरी को टक्कर देने वाले हैं क्योंकि ये टिकाऊ होते हैं. इन्हें 15 से 20 दिनों तक आसानी से रखा जा सकता है. ये जल्दी खराब नहीं होते. इनका स्वाद भी दशहरी के मुकाबले काफी अच्छा होता है और ये आम बाजार में 100 से 200 रुपए किलो मिलते हैं.

इनकी कुछ खासियत और भी हैं कि इनके पौधे छोटे होते हैं और कम जगह पर ज्यादा उत्पादन देते हैं. इसीलिए भी भविष्य में ये आम दशहरी पर भारी पड़ेंगे. इस साल भी विदेशों में दशहरी की जगह इन्हीं रंगीन आमों की डिमांड ज्यादा है.

लगातार कट रहे दशहरी के बाग
मलिहाबाद के मशहूर किसान अफताब ने बताया कि मलिहाबाद में जितने भी लोग पहले दशहरी आम पर निर्भर थे और उसी को हर साल उगाते थे अब वो भी अपने दशहरी का बाग हटाकर नई वैरायटी के आम लगा रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी पता है कि इन आमों से ही मुनाफा होगा. दशहरी लंबे वक्त तक टिकाऊ नहीं होता. सस्ता बिकता है और अंतिम दिनों में तो यह थोक के भाव बिक जाता है. इसका स्वाद भी अब उतना अच्छा नहीं होता. यही वजह है कि किसान और बागवान अब अपने मुनाफे के लिए रंगीन आमों को ज्यादा लगाना पसंद कर रहे हैं.

Tags: Local18

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