Chai ke Nuksan: भारत में चाय का प्रचलन बहुत पुराना है. यहां ज्यादातर लोग अपनी सुबह की शुरुआत चाय से ही करते हैं. भारत में चाय के शौकीन बहुत ज्यादा लोग है. कुछ लोगों का आलम तो ये है, कि दिन में चाय न पीएं तो सिर में दर्द होने लगता है. भारत में चाय केवल चाय नहीं बल्कि एक तरह का नशा है, जिसके बिना लोग रह नहीं पाते. लेकिन आपको ये जानना बहुत जरूरी है कि चाय कब पीना चाहिए और कब नहीं पीना चाहिए. क्योंकि बेवक्त और बेवजह चाय पीने से सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता है, जिसका खामियाजा आपको वक्त के साथ झेलना पड़ता है. क्योंकि कुछ चीजों का असर बाद में देखने को मिलता है. इसलिए हो सके तो अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए चाय को उतना ही लें जितना जरूरी है.
खाने के बाद चाय पीने के नुकसान
1. गैस की समस्या- खाना खाने के बाद चाय पीने की आदत आपके पाचन शक्ति पर बुरा असर डालती है. चाय पीने से खाना पचने में दिक्कत होती है. जिससे व्यक्ति को गैस की समस्या होती है. दरअसल, खाना खाने के तुरंत बाद दूध वाली चाय पीने से शरीर में बनने वाला पाचक एसिड को प्रभावित करता है. जिससे खाना पचने में ज्यादा समय लगता है.
2. ब्लड प्रेशर- जिन्हें बीपी की परेशानी है, उन्हें चाय से दूर ही रहना चाहिए, क्योंकि चाय में मौजूद कैफीन की मात्रा व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ा देती है और सेहत से जुड़ी कई समस्याएं पैदा कर सकती हैं. चाय पीने की इच्छा हो तो नीबू चाय का सेवन कर सकते हैं.
3. आयरन का कमी- खाने के बाद चाय पीने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते. जिसकी वजह से शरीर में आयरन की कमी होने लगती है और व्यक्ति के लिए एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है.
4. नींद की समस्या- चाय ज्यादा पीने से नींद से जुड़ी समस्याए भी होने लगती है. अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद चाय पीते हैं तो आपको गैस, अपच, एसिडिटी जैसी दिक्कत हो सकती है. जिसकी वजह से व्यक्ति की नींद प्रभावित होती है और उसे अनिद्रा की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
एक दिन में कितना फैकीन लेना सुरक्षित?
ICMR के अनुसार, रोजाना सिर्फ 300 मिलीग्राम कैफीन का सेवन करने की सलाह दी जाती है. डॉक्टर अक्सर यही सलाह देते हैं कि खाना खाने से पहले और बाद में कम से कम एक घंटे तक चाय या कॉफी नहीं पीना चाहिए. चाय में टैनिन मौजूद होता है, जो शरीर में आयरन के अवशोषण को कम कर सकता है. टैनिन पेट में आयरन से बंध जाता है, जिससे शरीर के लिए आयरन को ठीक से अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है. जिससे व्यक्ति के लिए एनीमिया का खतरा बढ़ सकता है.
FIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 16:30 IST