नई दिल्ली. पंजाब और हरियाणा की सीमा पर खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान एक युवक की मौत का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 22 साल के युवक की मौत के मामले की न्यायिक जांच का आदेश दिया है. इसके खिलाफ अब हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा की सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन के दौरान 22 वर्षीय युवक की मौत की एक झड़प के दौरान हो गई थी.
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने खनौरी सीमा पर पिछले माह प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया था. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने किसान आंदोलन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था. इस मामले में याचिकाकर्ता अधिवक्ता उदय प्रताप सिंह ने बताया था कि अदालत ने किसान शुभकरण सिंह की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.
उन्होंने बताया कि मामले की जांच उच्च न्यायालय के रिटायर न्यायमूर्ति और पंजाब तथा हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के दो अधिकारियों द्वारा की जाएगी. मूल रूप से बठिंडा के निवासी शुभकरण (22) की 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर झड़प के दौरान मौत हो गई थी. झड़प के दौरान 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गये थे. मामले में पंजाब सरकार पहले ही ‘शून्य प्राथमिकी’ में हत्या का मामला दर्ज कर चुकी है.
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएमए) ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आवाह्न किया है. सुरक्षा बलों द्वारा उनके मार्च को रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमा पर रुके हुए हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 13, 2024, 22:51 IST