बुरहानपुर. मध्य प्रदेश में किसानों को कोई परेशानी न आए इसके लिए सरकार ने प्रदेश की कृषि मंडियों में कृषक भोजनालय शुरू किया था. इन भोजनालय में मंडी में आने वाले किसानों को पांच रुपये में भरपेट खाना मिल जाता था. साथ ही उन्हें मंडी से बाहर भी जाने की जरूरत नहीं पड़ती थी. इससे वे मंडी में अपनी फसल की निगरानी भी कर सकते थे. लेकिन, बुरहानपुर की रेणुका कृषि उपज मंडी में कृषक भोजनालय 1 वर्ष से बंद है. इससे मंडी आने वाले किसानों को भोजन के लिए परेशान होना पड़ता है.
एक साल से बंद है भोजनालय
किसानों को बाहर से भोजन मंगवाना पड़ रहा है, जो काफी महंगा भी होता है और उसे मंगवाने या खाने जाने में समय भी लगता है. इसके अलावा किसान बाहर भोजन करने जाते हैं तो उनकी फसल चोरी होने या इधर से उधर होने का डर बना रहता है. इससे किसान काफी परेशान हैं. रेणुका मंडी की भोजनशाला की 4 साल पहले शुरुआत हुई थी. यहां लगातार तीन साल किसान खाना खाते थे. लेकिन, अब एक साल से यह भोजनालय बंद है.
रोजाना 400 किसान आते हैं मंडी
भोजनालय के बंद होने को लेकर हो रही परेशानी के बारे में किसान मुकेश इंगले ने Local 18 को बताया कि मंडी में चना, गेहूं और मक्के की आवक बढ़ गई है. प्रतिदिन करीब 300 से 400 किसान मंडी में आ रहे हैं. लेकिन, यहां कृषक भोजनालय बंद होने के कारण उन्हें भोजन करने के लिए बाहर जाना पड़ता है. मंडी से बाहर खाना महंगा भी मिलता है. मंडी में जहां ₹5 में पेट भरकर खाना मिल जाता था, वहीं बाहर इसके लिए 100 से 200 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं.
3 किमी दूर जाते हैं खाने
किसानों ने Local 18 को बताया कि सुबह से मंडी में माल बेचने के लिए आते हैं. देर रात तक हमको भोजन भी नहीं मिल पाता है. क्योंकि, ऊपज चोरी होने का डर बना रहता है. मंडी के आसपास भोजनालय नहीं होने के कारण बस स्टैंड क्षेत्र में भोजन करने जाना पड़ता है, जो मंडी से 3 किलोमीटर दूर है, इसलिए मंडी प्रशासन को भोजनालय फिर शुरू करनी चाहिए. भोजनालय बंद होने के संबंध में मंडी सचिव हरेंद्र सिंह सिकरवार ने Local 18 को बताया कि उन्होंने अभी ड्यूटी जॉइन की है. किसानों की यह समस्या सामने आई है. जल्द ही निराकरण करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : April 21, 2024, 18:44 IST