मोतिहारी जिले का यह मामला फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है.पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में था पति, 14 सालों बाद लौटीअब ससुराल में रहना चाहती है पत्नी, ससुराल वालों ने रखने से किया इनकार
रिपोर्ट- अवनीश कुमार सिंह
पटना. बिहार के मोतिहारी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है. दरअसल बिहार में पुलिस की लापरवाही के कारण एक महिला के मर्डर में पुलिस ने तीन निर्दोष लोगों को हत्यारा बना दिया. लंबी जांच में तीनों के खिलाफ मर्डर के सबूत भी इकट्ठा कर लिए. चार्जसीट में ससुर पति और सास तीनों को हत्यारा साबित करते हुए पुलिस ने को कोर्ट में सजा की अपील तक करवा दी. लेकिन, मर्डर के बाद शव गायब करने की पुलिस की स्क्रिप्ट में तीनों आरोपी की सजा तक तय मानी जा रही थी. लेकिन, कहानी में तब बड़ा मोड़ सामने आया जब 14 साल बाद बबिता नाम की महिला अपने सुसराल सरैया गोपाल वापस अपने घर लौट आई. यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि पूर्वी चंपारण के पताही प्रखंड के सरैया गोपाल की यह सच्ची कहानी है.
दरअसल शिवहर के शिवचन्द्र राम ने 2001 में बेटी बबिता की शादी विजय राम के साथ धूमधाम से हुई थी. वहीं 2010 में किसी के बहकावे में आकर लड़की घर से भाग गई और लड़की के परिवार वालों ने 2010 में लड़की वाले ने हत्या और लाश को गायब करने का मामला थाने में दर्ज कराया. परिजनों के अनुसार पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो लगातार जांच के नाम पर कभी दिल्ली, नेपाल, हरियाणा लड़के वाले के पैसे पर घूमने का काम किया. वहीं पुलिस लड़के वाले का पैसा खूब खर्च करवाया और बाद में पैसा खत्म होने के बाद पीड़ित रामप्रसाद राम और उनके बेटे पत्नी को जेल भेज दिया.
‘जांच के नाम पर पैसे लेती रही पुलिस’
पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने जांच की जांच के नाम पर पुलिस ने खूब पैसे लिए थे. निर्दोषों के लिए पुलिस ने चार्जशीट तक तैयार कर दी. 6-7 महीने सजा काटने के बाद परिवार की आर्थिक-मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी. आखिरकार भगवान ने पीड़ित रामप्रसाद राम की विनती सुन ली और 14 साल बाद गायब महिला बबिता कुमारी अपने ससुराल गांव वापस आई. महिला के मिलने के बाद पता चलते ही पुलिस ने कोर्ट में महिला का बयान दर्ज करवाया और तब इतने सालों के बाद पीड़ित को न्याय मिल सका.
‘भगवान की दया से बच गया परिवार’
दरअसल जिस हत्या के मामले में रामप्रसाद राम जेल की सलाखों के पीछे गए थे. आज महिला के वापस आने से बड़े जंजाल से मुक्त हो गए. वहीं महिला अब अपने ससुराल में रहना चाहती है लेकिन ससुराल वाले अब महिला को नहीं रखना चाहते हैं. बता दें, रामप्रसाद राम राशन की दुकान चलाते हैं. लड़की के मिल जाने के बाद अब वह और उनका परिवार चैन की सांस ले रहा है क्योंकि उन पर लगे आरोप अब खत्म हो गए हैं. उनकी पत्नी, उनके बेटे अब निर्दोष साबित हुए हैं. वहीं अगर महिला नहीं आती तो पूरा परिवार जेल की सलाखों के पीछे होता. रामप्रसाद राम ने कहा कि भगवान की दया से हमारा पूरा परिवार दोषी होने से बच गया.
वहीं पकड़ी दयाल डीएसपी सुबोध कुमार ने इस मामले पर कहा कि जानकारी मिलते ही हमने महिला का बयान कोर्ट में दर्ज करवाया. काफी पुराना मामला है कोर्ट ने परिवार वालो को जो आदेश दिया है उसका पालन करवाया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 18:29 IST