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आजीवन कारावास के बाद मुख्तार अंसारी पर एक और एक्शन, यूपी पुलिस ने की यह बड़ी कार्रवाई

गाजीपुर. माफिया मुख्तार अंसारी पर पुलिस ने एक और एक्शन लिया है. पुलिस ने मुख्तार अंसारी के सालों के बैंक अकाउंट मे जमा पैसे जब्त कर लिए हैं. पुलिस ने मुख्तार अंसारी के सालों अनवर शहजाद और शरजील रजा के बैंक खाते मे जमा 1765120 रुपये जब्त किए. गाजीपुर पुलिस ने डीएम के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत ये कार्रवाई की है. मुख्तार के सालों की कम्पनी विकास कंस्ट्रक्शन के नाम बैंक अकाउंट था, जिसमें जमा पैसों की जब्तीकरण की कार्रवाई की गई है.

एसपी गाजीपुर ओमवीर सिंह ने बताया, ‘थाना कोतवाली में गैंगस्टर एक्ट का एक मुकदमा अभी विचाराधीन है. मुकदमे में मुख्तार अंसारी की पत्नी भी वांछित हैं. गैंग मेंबर सहयोगी परिजन हैं. उनके द्वारा जो अवैध रूप से संपत्तियां अर्जित की गई हैं और कई कंपनियों का पता चला है. जिन कंपनियों के माध्यम से व्यापार भी किए जाने की जानकारी मिली थी. इसी पर हमारी एक टीम ने कार्रवाई की है. पहले भी मुख्तार के सहयोगियों की कंपनियों में 2.35 करोड़ का जब्तीकरण गाजीपुर पुलिस द्वारा डीएम के आदेश पर गैंगस्टर की धारा-14 के तहत किया गया था. कल भी कुछ खातों में संदिग्ध धनराशि की जानकारी मिली है. करीब 17 लाख रुपये का जब्तीकरण किया गया है.’

मुख्तार अंसारी को फर्जी बंदूक लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास
इधर, वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को तीन दशक पुराने फर्जी बंदूक-लाइसेंस मामले में गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सरकारी वकील विनय सिंह ने बताया, ‘न्यायाधीश अवनीश गौतम की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने फर्जी बंदूक लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.’

अदालत ने अंसारी पर कुल दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया. सरकारी वकील के मुताबिक, मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालती कार्यवाही में शामिल हुआ, जहां वह वर्तमान में बंद है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, नयी दिल्ली और अन्य राज्यों में करीब 60 मामले लंबित हैं. उसे अभी तक कम से कम सात मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है.

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1990 में दर्ज हुआ था मामला
सिंह ने कहा कि 10 जून, 1987 को मुख्तार अंसारी ने एक बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन दिया था तथा बाद में उसने तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के पास फर्जी हस्ताक्षरों वाले दस्तावेज जमा कर बंदूक का लाइसेंस प्राप्त किया. धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद सीबी-सीआईडी ने मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर और पांच नामजद व्यक्तियों और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में चार दिसंबर, 1990 को मामला दर्ज कराया था.

1963 में जन्मा मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक निर्वाचित हुआ जिसमें दो बार वह बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुआ. उसने आखिरी बार विधानसभा चुनाव 2017 में लड़ा था.

Tags: Ghazipur news, Mukhtar ansari, UP news

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