नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल को जमानत मिल गई है. 18 दिन बाद वे तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे. लेकिन जैसे ही केजरीवाल को जमानत मिलने की खबर फैली, सोशल मीडिया पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्रेंड करने लगे. लोगों ने पूछा, जब एक ही तरह के मामले में केजरीवाल को जमानत मिल सकती है, तो हेमंंत सोरेन को क्यों नहीं? आइए जानते हैं सोशल मीडिया यूजर्स ने इस फैसले को किस तरह देखा.
अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए हैं. ईडी ने उन्हें मुख्य षडयंत्रकर्ता तक करार दिया है. यहां तक कहा है कि पूरा घोटाला उनकी मर्जी और देखरेख में हुआ. इसके बावजूद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई. अदालत ने ईडी की सारी दलीलों को खारिज करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का फैसला किया. इसी तरह के एक मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंंत सोरेन जेल में बंद हैं. ईडी ने पाया कि कुछ जमीनों पर सोरेन का अवैध कब्जा है. उनके घर पर छापेमारी के दौरान एक कमरे से 36 लाख से ज्यादा कैश और जमीनों के दस्तावेज मिले थे. ईडी ने दावा किया कि ये 8.5 एकड़ जमीन अपराध से कमाई आय का हिस्सा है. सोरेन सीधे तौर पर इन जमीनों के अधिग्रहण और कब्जा करने में सीधे तौर पर जुड़े हैं और अपराध से आय अर्जित करने में वो शामिल हैं. इसके बाद सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया .
अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन दोनों एक ही जैसे आरोपों में जेल में बंद है I
जब अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल सकती है तो फिर आदिवासी नेता हेमंत सोरेन को क्यों नहीं?
क्या न्याय जाति देखकर होता है ?#HemantSoren #ArvindKejriwal#हेमंत_सोरेन_को_रिहा_करो pic.twitter.com/qZKlqLZlsL— Manraj Meena (@ManrajM7) June 20, 2024