दरभंगा.आम खाने में जितना मजा देता है उसकी देखभाल भी उतनी ही जरूरी है. इन दिनों आम का सीजन चल रहा है. लेकिन इसके पेड़ पर कीट भी अपना निशाना बनाए हुए हैं. बिहार में इन दिनों लीफ वेबर नाम का कीट आम के पेड़ों पर हमला कर रहा है. इससे बचाव के उपाय वैज्ञानिक बता रहे हैं.
आम के बागों में पिछले तीन चार साल से यह समस्या कुछ ज्यादा ही देखने मिल रही है. इस समस्या का मुख्य कारण एक कीट लीफ वेबर है. इससे बागों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. आम के पत्तों में कीट ओरथागा यूरोपड्रालिस के कारण होता है. पहले यह कीट उतना असरकारी नहीं था. लेकिन तीन चार साल से इस कीट का आम के पेड़ पर हमला बढ़ गया है.
समय रहते करें उपाय
इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर (डॉ) एस.के. सिंह बताते हैं यह कीट हर वर्ष जुलाई महीने से ही अति सक्रिय होता है और दिसंबर तक नुकसान पहुंचाता रहेगा. लीफ वेबर नाम का ये कीट पत्तियों पर अंडे देता है, जो एक सप्ताह के समय में हैचिंग पर एपिडर्मल सतह को काटकर पत्तियों को खाता है, जबकि दूसरे इंस्टा लार्वा पत्तियों को बंद करना शुरू कर देते हैं और पूरे पत्ते को खाते हैं. लेकिन ये कीट मिडरिब और नसों को छोड़ कर पूरी पत्ती को खा जाता है. जब नई पत्तियां निकल रही होती हैं उस समय इस कीट को देखा जा सकता है. उन बागों में यह कीट ज्यादा खतरनाक रूप ले लेता है जिनका प्रबंधन ठीक से नहीं होता है.
लीफ वेबर कीट से कैसे निपटें
लीफ वेबर कीट से समय रहते आसानी से निपटा जा सकता है. किसी भी उपकरण का उपयोग करके जालों को काटकर उसे जलाने से कीट की उग्रता में कमी आती है. इसके बाद, लैम्बाडायशोथ्रिन 5 ईसी (2 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें. पहली बार स्प्रे करने के 15-20 दिन बाद दूसरा छिड़काव या तो लैम्ब्डासीलोथ्रिन 5 ईसी (2 मिली / लीटर पानी) या क्विनालफॉस 25 ईसी (1.5 मिली / लीटर पानी) के साथ करना चाहिए. इंडोक्साकार्ब (1.5 मिली प्रति लीटर पानी) या एम्मामेक्टिन (0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी) जैसे कीटनाशक का भी छिड़काव करके इस कीट को बढ़ने से रोका जा सकता है. यदि आम के बाग की व्यवस्था ठीक से की जा रही है तो बेसिलस थुरुंगीन्सिस का छिड़काव करके भी आम के पेड़ों को बचाया जा सकता है.
FIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 16:15 IST